हरियाणा हरियाणा विधानसभा 2024 के चुनाव में दो बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों ने अन्य पिछड़े वर्ग की बड़े पैमाने पर अनदेखी है, दुख की बात यह है कि इन अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों ने शायद अभी तक इस अनदेखी की जानकारी भी नहीं हो, कितनी हास्यास्पद बात है यह कि अन्य पिछड़े वर्ग के लोग जहां क्रीमीलेयर को लेकर के प्रदेश में आंदोलन चलाते रहे लेकिन इस राजनीतिक खेती में इन नेताओं ने अपने आपको शून्य कर लिया है, भारतीय जनता पार्टी ने जहां पिछड़े वर्ग के लोगों को 19 टिकटें दी,वहीं कांग्रेस ने 18 टिकट देकर इतिश्री कर ली है, शायद इन अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों ने इससे भी संतोष कर लिया होगा जबकि अन्य पिछड़े वर्गों से संबंध रखने वाली पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया ( डेमोक्रेटिक ) ने इन वर्गों को 52% टिकटें देने का आश्वासन दिया था लेकिन इसके बावजूद इनका लगाव इस पार्टी की ओर नहीं हुआ, हालांकि यह पार्टी बाल्यावस्था में है लेकिन इस पार्टी को सहयोग करके खड़ा किया जा सकता था और अपनी राजनीति को मजबूत किया जा सकता था। भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पिछड़े वर्ग से संबंध रखने वाली अहीर जाति को 7 टिकटें तो गुर्जर जाति को 5 टिकटें दी है तो एक-एक टिकट जांगड़ा, बैरागी, कुम्हार, कश्यप और कंबोज को दी है, 2 टिकटें सैनी जाति को मिली है। कुल मिलाकर 19 टिकटें भाजपा की ओर से पिछड़े वर्ग के लोगों को दी गई है, जबकि कांग्रेस ने भी अहीर जाति को 7 गुर्जर को 4 सैनी को तीन, कम्बोज को 2, एक-एक टिकट कुमार कुम्हार, जांगड़ा को दी है। इस प्रकार कुल 18 टिकटें अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को दी गई है। इस प्रकार दोनों बड़ी पार्टियों ने अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों की बड़े पैमाने पर अनदेखी की है, वहीं जाति आधारित जनगणना जैसे मुद्दों पर भाजपा के तो कानों पर तो जूं भी नहीं रेंग रही है। अब देखने वाली बात यह है कि अन्य पिछड़ा वर्ग क्या इसी प्रकार कांग्रेस बीजेपी का शिकार होता रहेगा या अपने हिस्से की मांग करेगा और सदियों से सह रहे अपमान का बदला लेगा ? अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों पर असंवैधानिक क्रीमीलेयर लगाकर उनकी हिस्सेदारी से वंचित करके देश आजाद होने के बावजूद भी ओबीसी का शोषण जारी है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जहां कम आबादी वाली जातियों को भी बड़े पैमाने पर टिकटें दी है,वहीं ओबीसी की जातियां को इस संबंध में दरकिनार किया क्योंकि भाजपा में ब्राह्मणों को 11 और बनियों को 5 तथा पंजाबी समुदाय को 11 टिकटें दी है जबकि कांग्रेस ने पंजाबी समुदाय को 8 ब्राह्मण को 4 , बनिया को 2 जाट को 29, मुस्लिम जाट को एक तथा जट्ट सिक्ख को 2 टिकटें दी है,भाजपा के बड़े नेता व हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी सैनी जाति को मात्र 2 टिकटें ही दिलवा पाए हैं। अब पिछड़े वर्ग के लोग इस बंदरबांट का अध्ययन करेंगे या नहीं? यह आने वाला चुनाव भी निर्धारित करेगा। पिछड़ो की इस जागृति की मुहिम में आप सभी साथ दें और जिसकी जितनी संख्या भारी,उसकी उतनी हिस्सेदारी के आंदोलन को समर्थन दें।

