अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय तथा इसके परिसरों द्वारा आयोजित विभिन्न शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों को स्वागत हेतु अंगवस्त्र और अन्य उपहार सम्मान स्वरूप दिए जाते हैं। इस संबंध में कुलपति प्रो सतपाल सिंह ने सभी परिसरों के निदेशकों और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने वाले आयोजकों को स्थानीय उत्पादों, विशेषकर क्षेत्र की वॉर विडोज़/ महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा उत्पादित/तैयार की हुई सामग्रियों को ही उपहार स्वरूप देने के लिए आदेश दिया है। इसके साथ कार्यक्रमों में अंगवस्त्र के लिए प्रयुक्त किये जाने वाली सामग्रियों के साथ साथ जलपान में भी स्थानीय चाय और कुल्हड़ का उपयोग किये जाने के लिए आज पहल शुरू कर आदेश जारी कर दिया है। कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि स्थानीयता को बढ़ावा दिए जाने और वीर वीरांगनाओं/ स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह पहल शुरू की गई है। अब वीरांगनाओं स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किये गए स्थानीय उत्पादों को विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में उपयोग किया जाएगा। इस पहल से स्थानीयता को प्रोत्साहन मिलने के साथ साथ उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ होगी।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में शहीदों की वीरांगनाओं और महिलाओं द्वारा शॉल आदि वस्त्र, स्थानीय उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं। जिनको प्रोत्साहन देना होगा। इससे शासन के वोकल फ़ॉर लोकल पहल को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि सभी परिसर निदेशकों को इससे संबंधित आदेश दिया गया है।

