पिथौरागढ़ जनपद पिथौरागढ़ के मुवानी पीपलतड़ रहवासी किसान केंद्र बरला (रिंग) में कुमाऊं की पहली दलित स्नातक महिला लक्ष्मी टम्टा के नाम किताब कुड़ बनकर तैयार हो गया है। इसे रहवासी किसान संगठन ने लोगों के सहयोग से बनाया है। लंबे समय से यह संगठन स्वरोजगार, पलायन रोकथाम, हिमालयी पर्यावरण, कृषि, जल संरक्षण और कृषि के नवाचारी प्रयोग कर रहा है। किताब कुड़ (पुस्तकालय) खोलने का मुख्य उद्देश्य दूरस्थ क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को पुस्तकें उपलब्ध कराकर उन्हें आगे बढ़ाना है।जिससे वो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर अपने भविष्य को सवार सके! रहवासी संगठन ने बरला में करीब दो लाख रुपये से किताब कुड़ बनाया है। किताब कुड़ का नाम कुमाऊं की पहली महिला स्नातक दलित महिला लक्ष्मी टम्टा के नाम से रखा गया है। पुस्तकालय का स्लोगन आओ जिंदगीकी किताब से कागज की किताबों को जोड़ें रखा गया है। पुस्तकालय के निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का विशेष ध्यान रखा गया है। जिसमें मधुमक्खियों के लिए घरवा ( दीवारों के अंदर घर) और गौरैया संरक्षण के लिए घोंसले बनाए गए हैं। रहवासी किसान संगठन जिस गांव में काम करता है वहां लैंगिक अनुपात (महिला) उत्तराखंड के लैंगिक अनुपात से ज्यादा है। इसलिए रहवासी ने उनकी अच्छी शिक्षा और जीवन को आगे बढ़ाने का जिम्मा उठाया है।प्रसिद्ध लेखक डॉ. अनिल कार्कीका कहना है कि किताब कुड़ के निर्माण में विशेष सहयोग खगोल वैज्ञानिक निशांत सिंह ने किया है। वह अभी तक दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में चार से अधिक पुस्तकालय खोल चुके हैं। उनका कहना है कि कुमाऊं की पहली दलित महिला लक्ष्मी टम्टा ने तमामसंघर्षो के बाद स्नातक किया था। उन्होंने दलित और शोषित वर्ग की आवाज को हमेशा बुलंद किया। पुस्तकालय का नाम उनके नाम से रखने का मुख्य उद्देश्य गुमनाम नायक लक्ष्मी टम्टा के बारे में लोगों को जानकारी देना है।