
भिवानी (हरियाणा) दिनांक 13/07/2025 को बामसेफ के विभिन्न संगठनों द्वारा भारतीय संविधान के सम्मान में क्लस्टर अधिवेशन आयोजित किया गया, इस अधिवेशन में चर्चा के लिए दो सत्र रखे गए, पहले सत्र में “संपूर्ण राष्ट्रीयकरण के बिना’राष्ट्र’ ब्राह्मणवाद का खोखला राष्ट्रवाद” इस विषय पर चर्चा की गई। इस विषय को उद्घाटन सत्र के साथ चर्चा की गई, सत्र में उद्घाटन मुख्य अतिथि सुरेश कौथ, उद्घाटक गणेशीलाल वर्मा, विशिष्ट अतिथि शमशेर दहिया,संगीता सरोहा, रविंद्र कुमार ने भाग लिया। कुलदीप सिंह बेदी ने इस विषय की प्रस्तावना रखी, इस सत्र की अध्यक्षता करते हुए बामसेफ की केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ कर्मबीर टंडन ने कहा कि हमें लोकतंत्र और संविधान में विश्वास रखना चाहिए, उन्होंने कहा कि देश की संपदा का संपूर्ण राष्ट्रीयकरण के बिना एक लोकतांत्रिक राष्ट्र का निर्माण संभव नहीं है अन्यथा उन्मत’ निजी शक्ति’ नागरिकों के सर पर शैतान की तरह सवार रहेगी और न किसी को जीने देगी, न मरने देगी, विशिष्ट अतिथि समाज शास्त्र के प्रवक्ता देश को अगर बचाना है तो देश में हर जगह राष्ट्रीयकरण की आवश्यकता है, कुलदीप सिंह बेदी ने कहा कि भारत के संविधान में राज्य समाजवाद और लोकतंत्र की नींव रखी गई है, इस देश के जो भी साधन और संसाधन है, उन पर देश की तमाम जनता का हक अधिकार होना चाहिए। दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए बामसेफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेश द्रविड़ ने कहा कि वर्तमान भारत का वर्तमान नेतृत्व निजी पूंजीपत्तियों का गुलाम है, कहने के लिए केंद्र में बहुत शक्तिशाली है परंतु वास्तव में वह न केवल बाहरी बल्कि आंतरिक निजी पूंजीपतियों के अधीनस्थ भी है। यह निजी पूंजीपतियों के गुलाम सामान्यजन का शोषण करने ,उन पर कहर डाने और उनको डराने के लिए तो अपनी शक्ति का प्रयोग और उपयोग जरूर कर रहे है परंतु राष्ट्रहित में निजी पूंजीपतियों पर लगाम लगाने का काम बिल्कुल नहीं कर रहे है, हमें खुली आंखों से दिख रहा है कि ये लोग अपने आकाओं के सामने सदैव नतमस्तक है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा पूंजीपतियों की गुलामी, राष्ट् पुंजीपतियों की गुलामी राष्ट्र के अस्तित्व को ही समाप्त कर देगी, ऐसी स्थिति में पूंजी लोलूप नेताओं की जीवन नैया तो डुबेगी ही, इसके साथ राष्ट्र को भी ले डुबेगी। इस समय भारत खतरनाक दौर से गुज़र रहा है, आज सभी अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग तथा सभी किसान मजदूर जातियों को इकट्ठा होने की आवश्यकता है। हम चार बिंदुओं पर इकट्ठा हो सकते हैं, संविधान और संविधानवाद, लोकतांत्रिक पद्धति और संस्थागत नेतृत्व, फुले अम्बेडकरी विचारधारा, किसान मजदूर जातियों का भाईचारा। सभी ने यह फैसला लिया कि इन बिंदुओं पर इकट्ठा होकर काम करेंगे। इस सत्र में अजय दहिया, संधीर बौद्ध, सुबे सिंह सरोहा, कुलदीप सिंह, होशियार सिंह जताई, मुकेश कर्मा, धर्मपाल वडाला, शम्मी रति, दौलत राम,सरिता, अनिल कुमार ने भाग लिया। इस अधिवेशन में रामचंद्र, अभिरंजन गौतम, सुरेश खिंचीं,अतर सागवान, कुलदीप हालूवास, डॉ विजय खन्ना, डॉ दिनेश कत्याल, विकास, रेखा, राम अवतार मेंहदिया, राजपाल गहलोत, राजेन्द्र तंवर, मुकेश कुमार, रोहतास सनियाना, विनोद कटारिया, नरेन्द्र कटारिया आदि भी उपस्थित थे। यह अधिवेशन गुरु रविदास कम्युनिटी सेंटर,डॉ अम्बेडकर भवन नजद बंसीलाल पार्क,सर्कूलर रोड़ पर आयोजित किया गया। बामसेफ के जिला अध्यक्ष रवींद्र कुमार ने सभी का आभार प्रकट किया।