
देहरादून। पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद अब वन विभाग के अफसर खुलकर सामने आ गए हैं। इस मामले में पीसीसीएफ विनोद सिंघल ने वन विभाग का पक्ष रखा है। उनका दावा है कि सत्यव्रत बंसल ने डीजीपी रहते हुए, मसूरी के तत्कालीन सीओ स्वतंत्र कुमार सिंह की जांच में फर्जी तरीके से वन भूमि खरीदने की पुष्टि की बात कही थी। साथ ही शासन से तत्कालीन एडीजी बीएस सिद्धू सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी।
पीसीसीएफ सिंघल ने शुक्रवार को मीडिया को विज्ञप्ति जारी कर इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उस दौरान बंसल ने ये भी आशंका जताई थी कि यह फर्जीवाड़ा करने वाले, बचाव में वन अफसरों पर केस दर्ज करा सकते हैं। हैरानी की बात है कि बंसल की रिपोर्ट के करीब एक माह बाद ही तत्कालीन डीएफओ धीरज पांडे समेत छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। शासन को भेजी रिपोर्ट में बंसल ने साफ किया था कि सिद्धू ने जो जमीन खरीदी, वो रिजर्व फॉरेस्ट की थी। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बंसल ने तत्कालीन सीओ मसूरी स्वतंत्र कुमार की जांच को सही बताया था। सीओ की जांच रिपोर्ट में कहा गया था कि यह किसी की निजी भूमि नहीं है। पर, तत्कालीन डीजीपी बंसल की रिपोर्ट के बाद भी इस मामले में कार्रवाई नहीं हुई थी।