
टिहरी। जिले में टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों ने विस्थापन की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि टिहरी बांध की झील का जलस्तर बढ़ने से रौलाकोट, उठड़, पीपोला नांदगांव उप्पू, भलड़ियाना गांव के नीचे तक पानी पहुंचने से वो खौफजदा हैं. ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि वह जल्द से जल्द विस्थापन करें. ग्रामीणों का कहना है कि वो लगातार 20 सालों से अपने विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन पुनर्वास विभाग उनकी मांगों पर गौर नहीं कर रहा है। टिहरी झील से प्रभावित रौलाकोट उठाड्ड पीपोला नांदगांव उप्पू, भलड़ियाना के ग्रामीण लगातार 20 सालों से विस्थापन की मांग करते आ रहे हैं. लेकिन पुनर्वास विभाग की दोहरी नीति के कारण आधा दर्जन से अधिक गांवों को पात्रता की सूची में नहीं लिया गया. जबकि टिहरी झील के आसपास 25 प्रतिशत परिवार ऐसे हैं, जिन्हें विस्थापित नहीं किया गया है. जिसको लेकर रौलाकोट, नंदगांव, पीपोला, उठड़ आदि गांवों की महिलाओं ने विस्थापन की मांग को लेकर पुनर्वास ऑफिस के मुख्य दरवाजे पर धरना दिया. जिससे ऑफिस में काम कर रहे कर्मचारी आफिस के अंदर ही फंस गए. महिलाओं को मनाने के लिए मौके पर पुलिस बल को भी बुलाया गया।