रूड़की बाबा साहेब डाॅ० भीम राव अम्बेडकर पर लोकसभा में गृहमंत्री द्वारा अमित शाह द्वारा दिए गए अशोभनीय भाषण पर कार्यवाही को लेकर पीपल्स पार्टी ऑफ़ इंडिया डेमोक्रेटिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष दया राम ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। और ज्ञापन में कहा गया है कि!
“अभी एक फैशन हो गया है – अम्बेडकर अम्बेडकर अम्बेडकर अम्बेडकर अम्बेडकर अम्बेडकर। इतना नाम अगर भगवन का लेते तो सात जन्म तक स्वर्ग मिल जाता।”
बाबा साहब डॉ० अम्बेडकर करोड़ों वंचित और शोषित मूलनिवासी भारतीयों के लिए मानवाधिकारों और सम्मान के पर्याय हैं। बाबा साहेब के दृष्टिकोण ने ही महिलाओं सहित ९५% भारत की जनता को मनुस्मृति जनित व्यवस्था से ऊपर उठा कर सम्मान जनक जीवन जीने की राह दिखाई है। गृह मंत्री अमित शाह ने बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के बारे में अपमानजनक लहजे में संसद भवन में जहाँ हर कार्य संविधान के अनुसार होता है उसी में संविधान रचियता की ही हंसी उड़ाकर घोर अपमान किया है। अंततः भारत के गृह मंत्री ने बाबा साहेब डॉ. अम्बेडकर के बारे में आरएसएस और भाजपा की वास्तविक राय को खुलकर सामने लाकर सच बोल दिया। यह भाजपा की सबसे जातिवादी, बहुजन और संविधान विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन है। यह एक सच्चाई है कि बाबा साहेब डॉ अंबेडकर द्वारा रचित संविधान के कारण ही देश के प्रधान मंत्री और गृह मंत्री देश का प्रशासन चला रहे हैं। इसके बाबजूद भी भारत के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब का घोर अपमान किया गया है। भारत के प्रधान मंत्री ने भी अन्य मुद्दों की तरह मौन व्रत धारण किया हुआ है। अमित शाह का बयान से बाबासाहेब अम्बेडकर के करोड़ों अनुयाई एवं सभी बुद्धिजीवी वर्ग जो संवैधानिक मूल्यों में विश्वास करते हैं आंदोलित हैं। उनका यह घिनोना बयान बाबासाहेब अम्बेडकर के अपमान के साथ साथ दुनियां भर में उनके आदर्शों का पालन करने वाले करोड़ों लोगों का अपमान है। अतः राष्ट्रपति से अनुरोध हैं कि गृह मंत्री अमित शाह को तुरंत बर्खास्त कर भारत के संविधान में आस्था रखने वाली ९५% जनता का विश्वास स्थापित करें।

