
बागेश्वर आज दिनांक 4 मार्च 2024 को एससी एसटी शिक्षक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा की अध्यक्षता में शिक्षक एसोसिएशन की प्रांतीय कार्यकारिणी की एक बैठक आयोजित की गयी. बैठक में दोनों मंडलों के अध्यक्ष सहित समस्त 13 जिलों के जिला अध्यक्ष मंत्री एवं कार्यकारिणी के पदाधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में विभिन्न भर्ती अभिकरणों द्वारा सीधी भर्ती हेतु जारी विज्ञापनों में एससी एसटी ओबीसी वर्गों को संविधान द्वारा निर्धारित पर्याप्त पद नहीं दिए जाने पर चिंता व्यक्ति की गई. पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्ष 2012 में सरकार द्वारा गठित इंदु कुमार पांडे कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार विभागीय पदोन्नति वाले पदों में एससी एसटी वर्ग को 19% एवं 4% के सापेक्ष क्रमशः ग्रुप “क” में 11.64% एवं 2.98%, ग्रुप “ख” में 12.8% व 2.70% एवं ग्रुप “ग” में 13.91% एवं 1.66% प्रतिनिधित्व प्राप्त था. प्रदेश में विगत 10 वर्षों से अर्थात 5 सितंबर 2012 से इन वर्गों के पदोन्नति में आरक्षण में लगी रोक के कारण ग्रुप क,ख,ग, संवर्ग के पदों में इन वर्गों के प्रतिनिधित्व में भारी गिरावट आई है. कई संवर्गों में यह प्रतिनिधित्व नगण्य हो चुका है. विभिन्न संवर्गों में इन वर्गों के सही आंकलन के लिए 5 सितंबर 2012 को मात्र तीन माह के लिए जस्टिस इरशाद हुसैन आयोग का गठन किया गया था. जिसे आज 12 वर्ष बाद भी इस कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. जबकि मई 2022 में समान नागरिक संहिता हेतु गठित कमेटी की रिपोर्ट को 2 वर्ष से पूर्व ही विधेयक बनाकर लागू कर दिया गया. दूसरी ओर एससी एसटी वर्गों के राज्याधीन सेवाओं में संवैधानिक प्रतिनिधित्व हेतु गठित कमेटी की रिपोर्ट को 12 वर्ष के बाद भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. इसी मामले में 1 अप्रैल 2019 को उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा प्रदेश सरकार को पदोन्नति में आरक्षण जारी करने के आदेश दिए गए लेकिन सरकार द्वारा इसे लागू करने की बजाय इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. जिसमें सर्वोच्च न्यायालय इसे लागू करने का स्वैछिक अधिकार राज्य सरकार को ही दे दिया गया है. इसके बाद भी सरकार द्वारा लगातार इसकी उपेक्षा की जा रही है.सरकार की इस प्रकार की नीति से प्रदेश भर का एससी-एसटी शिक्षक कर्मचारी वर्ग नाराज है.इन वर्गों के पदोन्नति में आरक्षण में रोक के कारण इन वर्गों की सीधी भर्ती के पदों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है. जिसके कारण इन वर्गों के युवाओं के लिए सरकारी सेवाओं में जाने के अवसर भी समाप्त होते जा रहे हैं. जिसके कारण हाल के दिनों में सरकार द्वारा जारी सीधी भर्ती हेतु सैकड़ो पदों के दर्जनों विज्ञापनों में इन वर्गों को कहीं दो-चार पद तो कहीं एक भी पद नहीं मिल पा रहा है. इस कारण इन वर्गों के युवा वर्ग एवं समाज के लोगों में भी सरकार के प्रति निराशा व स्वयं की उपेक्षा का भाव उत्पन्न हो रहा है. इस गंभीर समस्या को सरकार को अवगत कराने हेतु शिक्षक एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री एवं शासन में जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए को इस बात से अवगत कराने हेतु देहरादून जाने का निर्णय लिया गया है. बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री महेंद्र प्रकाश द्वारा किया गया. बैठक में निम्नलिखित पदाधिकारी उपस्थित रहे प्रांतीय अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा, महामंत्री महेंद्र प्रकाश, प्रांतीय उपाध्यक्ष डी आर बराकोटी, आनंद सिंह विद्रोही, विजय बैरवाण, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष अनूप कुमार पाठक, महामंत्री एम आर मौर्य, उपाध्यक्ष मधुबाला सिंह पवार, कोषाध्यक्ष विक्रम सिंह चौहान,कुमाऊं मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र ग्वासीकोटी, महामंत्री सुनील कुमार टम्टा, उपाध्यक्ष नंदकिशोर टम्टा,संगठन मंत्री सुशील बाराकोटी,हरिद्वार जिलाध्यक्ष मेघराज सिंह, उधम सिंह नगर जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह, चंपावत जिलाध्यक्ष मोहन सोनियाल, अल्मोड़ा जिलाध्यक्ष भोपाल कोहली, देहरादून जिला महामंत्री नरेश टम्टा, चमोली जिलाध्यक्ष दिनेश शाह, पिथौरागढ़ जिलाध्यक्ष अनिल कुमार, महामंत्री बी आर कोहली, पौड़ी जिला महामंत्री जगदीश राठी, बागेश्वर जिलाध्यक्ष सुनील धौनी, नैनीताल जिलाध्यक्ष वीरेंद्र टम्टा, पूर्व प्रांतीय कोषाध्यक्ष चितरंजन कुमार आदि शिक्षक पदाधिकारी उपस्थित रहे!