पौड़ी गढ़वाल मण्डल मुख्यालय पौड़ी के बस अड्डे के ठीक सामने उत्तराखंड रत्न, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी,कर्मवीर जयानंद भारतीय जी की मूर्ति 21 मई 1983 को जयानंद भारतीय स्मारक निधि दिल्ली के प्रयासों से लगाई गई थी, लेकिन जब पौड़ी के नए बस अड्डे का निर्माण कार्य प्रारम्भ हुवा तो नगर पालिका परिषद पौड़ी द्वारा भारतीय की मूर्ति को सुरक्षित अपने कार्यालय में सुरक्षित रखवा दिया गया था, वर्तमान में पौड़ी का नया बस अड्डा बनकर तैयार हो चुका है, एवम् नए बस अड्डे में नगर पालिका परिषद पौड़ी द्वारा कर्मवीर जयानंद भारतीय की मूर्ति को भी पुनः स्थापित किया जा चुका था, जिसका कल 5 अगस्त 2024 को पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी एवम् जिलाधिकारी गढ़वाल आशीष चौहान सहित विभिन्न गणमान्य लोगों द्वारा विधिवत् लोकार्पण किया गया। लोकार्पण समारोह का आयोजन नगर पालिका परिषद पौड़ी एवम् प्रादेशिक शिल्पकार कल्याण समिति द्वारा किया गया, इस अवसर पर पौड़ी के विधायक राजकुमार पोरी, जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल आशीष चौहान, संयुक्त मजिस्ट्रेट एवम् प्रशासक नगर पालिका पौड़ी अनामिका, निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष पौड़ी यशपाल बेनाम, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष आर पी टम्टा, न.पा.पौड़ी के अधिशासी अभियंता गौरव भसीन मुख्य रूप से शामिल हुए, कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष हरीश चंद शाह एवम् संचालन शैलशिल्पी विकास संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने किया। भारतीय की मूर्ति अनावरण के अवसर पर उनकी जन्म स्थली ग्राम अरकंडाई बीरोंखाल से आर्य समाज पंचपुरी के प्रधान महेशानंद, कुमारी कल्पेश्वरी, चंद्र प्रकाश, वासुदेव विमल, हेमराज प्रियव्रत, वीरेंद्र सिंह, राकेश कुमार, ओमप्रकाश, जनजीवन राम, विनोद कुमार, धर्मेंद्र कुमार, आशीष चंद, एवम् जयानंद भारतीय स्मारक निधि दिल्ली से ओमप्रकाश शास्त्री, सुरेश चंद शास्त्री शामिल हुए। इस अवसर पर प्रादेशिक शिल्पकार कल्याण समिति के हुकुम सिंह टम्टा, सुनील कुमार, भूपेंद्र कुमार,जे पी टम्टा,डॉक्टर हंसराज, राजेंद्र प्रसाद शाह,हरीश चंद, सुरेश निराला,गम्मा लाल, श्रीकांत, शैलजा, अजय कुमार,अनिता देवी, सरिता देवी, हरीश कोहली, धनीराम आर्य,धर्मलाल,आदि सदस्य मौजूद रहे, कार्यक्रम में नागरिक कल्याण मंच एवम् जागरूक विकास समिति पौड़ी के सदस्यों ने भी भारी संख्या में उपस्थिति हुए। भारतीय की मूर्ति लोकार्पण समारोह के अवसर पर शैलशिल्पी विकास संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने प्रस्ताव रखा की 6 सितंबर 1932 को पौड़ी काण्ड के नायक कर्मवीर जयानंद भारतीय ने अपनी जान की बाजी लगाकर तत्कालीन अंग्रेज गवर्नर मैलकन हेली के स्वागत दरबार में एक शेर की तरह पहुंचकर तिरंगा झंडा लहराया व मेलकन हेली गो बैक, भारत माता की जय जैसे नारों से पौड़ी को गुज्यमान कर दिया था, ये घटना गढ़वाल के स्वतंत्रता आंदोलन की ऐतिहासिक घटना है, इसलिए 6 सितंबर 1932 पौड़ी काण्ड व भारतीय स्मृति में बस अड्डे में स्थापित भारतीय की मूर्ति के ठीक सामने एक गगनचुंबी तिरंगा झंडा स्थापित किया जाना चाहिए, जो झंडा हमेशा लहराते हुए आने वाली पीढ़ियों को भी भारतीय के पराक्रम एवम् 6 सितंबर 1932 पौड़ी काण्ड की याद दिलाता रहे, विकास कुमार आर्य के इस प्रस्ताव पर जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल आशीष चौहान ने कहा की भारतीय की मूर्ति स्थल पर जिस भी ऊंचाई का राष्ट्रीय ध्वज आप लोग स्थापित करना चाहते हैं उसका प्रस्ताव दें जिसे शासन-प्रशासन की औपचारिकता पूर्ण करके लगा दिया जायेगा, जिलाधिकारी आशीष चौहान की इस सहमति एवम् आश्वासन पर उपस्थित लोगों ने तालिया बजाकर उनका आभार व्यक्त किया। इस तरह भारतीय की मूर्ति स्थापना कार्यक्रम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुवा।