देहरादून विश्व के पहले लेखक गांव देहरादून थानों में तीन दिवसीय, प्रथम दिवस को पूर्व मुख्यमंत्री एवं देश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा स्थापना में दून विश्वविद्यालय के हरिश चंद्र अंडोला एवं उच्च शिखरी पादप कार्कीय शोध संस्थान के निदेशक विजयकांत पुरोहित द्वारा लिखित लोकल फोर वोकल पर स्थानीय मोटा अनाजों एवं अन्य हिमालय जड़ी बूटियां पर आधारित पुस्तकों को लेखक ग्राम में दिया गया है। लेखन के क्षेत्र में वैज्ञानिक वर्ग के क्षेत्र में कार्य के उपरांत राष्ट्रीय भाषा पर हिंदी में सुंदर लेखन हेतु अन्य लोगों के लिए उत्प्रेरक का कार्य कर रहे हैं। इस कार्य के लिए दोनों लेखकों को शुभकामना प्रेषित की गई, विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे कार्यों की भूरि-भूरि प्रसन्नता की जानी चाहिए जिससे उनका मनोबल उच्च किया जाना चाहिए। लेखकों ने लेखक गांव के प्रेरणा स्रोतों में डॉ बेचन सिंह कंडियाल, राजेश नैथानी एवं अजय बिष्ट का आभार व्यक्त किया गया, अपने गुरुजनों और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में बढ़ाने वाले विद्वान जनों का एवं परिजनों का आभार व्यक्त किया गया। थानों में तीन दिवसीय, प्रथम दिवस को पूर्व मुख्यमंत्री एवं देश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा स्थापना में दून विश्वविद्यालय के डॉक्टर हरिश चंद्र अंडोला एवं उच्च शिखरी पादप कार्कीय शोध संस्थान के निदेशक विजयकांत पुरोहित द्वारा लिखित लोकल फोर वोकल पर स्थानीय मोटा अनाजों एवं अन्य हिमालय जड़ी बूटियां पर आधारित पुस्तकों को लेखक ग्राम में दिया गया है। लेखन के क्षेत्र में वैज्ञानिक वर्ग के क्षेत्र में कार्य के उपरांत राष्ट्रीय भाषा पर हिंदी में सुंदर लेखन हेतु अन्य लोगों के लिए उत्प्रेरक का कार्य कर रहे हैं। इस कार्य के लिए दोनों लेखकों को शुभकामना प्रेषित की गई, विज्ञान के क्षेत्र में ऐसे कार्यों की भूरि-भूरि प्रसन्नता की जानी चाहिए जिससे उनका मनोबल उच्च किया जाना चाहिए। लेखकों ने लेखक गांव के प्रेरणा स्रोतों में डॉ बेचन सिंह कंडियाल, राजेश नैथानी एवं अजय बिष्ट का आभार व्यक्त किया गया, अपने गुरुजनों और प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में बढ़ाने वाले विद्वान जनों का एवं परिजनों का आभार व्यक्त किया गया।