कोटद्वार गढ़वाल आज दिनांक 6 दिसंबर 2024 को, देश के संविधान निर्माता ,भारत रत्न ,बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर शैलशिल्पी विकास संगठन द्वारा वार्ड नंबर 22 सिम्मलचौड़ स्थिति कर्मवीर जयानंद भारतीय स्मृति पुस्तकालय में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर बाबा साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई, सभा को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष विकास कुमार आर्य ने कहा कि आज ही के दिन सन 1956 में बाबा साहब ने अंतिम सांस ली और वे इस दुनिया को छोड़कर चले गए , लेकिन उन्होंने देश को भारतीय संविधान के रूप में एक अमिट एवं महान संविधान दिया है, जब तक भारत का संविधान रहेगा तब तक बाबा साहब भारत के संविधान के रूप में जीवित रहेंगे, यह हम देशवासियों का परम कर्तव्य है कि हम देश के संविधान के मूल सिद्धांत न्याय, समता ,स्वतंत्रता ,बंधुता को कायम रखते हुए बाबा साहब के सपनों के भारत का निर्माण करें, जहां देश के प्रत्येक नागरिक को न्याय मिले सभी को समानता, स्वतंत्रता मिले और देश में भाईचारे का वातावरण स्थापित हो, देश के प्रत्येक नागरिक का ये दायित्व है कि वह सांप्रदायिकता, जातिवाद, क्षेत्रवाद, लिंगवाद, भाषावाद के आधार पर देश को बांटने वाली ताकतों को समाज में स्थापित न होने दे, यही बाबा साहब के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। शिक्षक नेता जगदीश राठी ने कहा कि समाज को शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए, अनुसूचित जाति, जनजाति शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भारत भूषण शाह ने कहा कि बाबा साहब के मिशन को पूर्ण करने में समाज को प्रेरित किया जाना चाहिए, प्रधानाध्यापक सुरेंद्र शमशेर जंग ने कहा संविधान के मूल्यों की रक्षा करना ही बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी, प्रधानाचार्य मनवर लाल भारती ने कहा कि स्कूली बच्चों को बाबा साहब के जीवन संघर्षों से अवगत कराना शिक्षक समाज की मुख्य जिम्मेदारी होनी चाहिए।
इस अवसर पर जयदेव सिंह, सेवानिवृत प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश कोटला आशुतोष टम्टा, जोनी मसी,सुनील कुमार, सुदीप आर्य, दिलबर शाह,विनोद कुमार, शिवकुमार ,धर्मेंद्र सिंह, सोमपाल सिंह, प्रमोद चौधरी, नरेंद्र कनपुड़ीया डॉक्टर अंबिका ध्यानी,हर्ष कुमार, आदि मौजूद रहे।

