हिमाचल प्रदेश आज दिनांक 1711/2025 को हिमाचल प्रदेश में दलितों के साथ जातिगत भेदभाव अत्याचार उत्पीड़न महिलाओं के साथ बलात्कार उनकी हत्याओं की घटनाओं के बढ़ते मामलों के खिलाफ शोषण मुक्ति मंच ने आज शिमला में जिलाधीश कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। शोषण मुक्ति मंच ने छुआछूत सामाजिक भेदभाव जैसी कुरीतियों को समाप्त करने व दलितों की समस्याओं और मांगों को लेकर जिलाधीश के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया गया। प्रदर्शन में वक्ताओं ने आरोप लगाया की पिछले कुछ समय से अनुसूचित जाति /जनजाति के लोगों के साथ छुआछूत जातिगत भेदभाव उनके साथ मारपीट, महिलाओं के साथ बलात्कार और उनकी हत्याओं में भारी वृद्धि हुई है। रोहडू में एक दलित 12 साल के बच्चे सिकंदर का इतना उत्पीड़न किया गया कि उसको आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। रोहडू के ही एक स्कूलों में दलित बच्चे को स्कूल की अध्यापिका द्वारा नंगा करके मारपीट करना और उसमें बिच्छू बूटी लगाकर प्रताड़ित किया गया। कुल्लू में सैंज घाटी में एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी हत्या करना कुल्लू के दशहरे में एक प्रशासनिक अधिकारी के साथ मारपीट करना उसे अपमानित करने की घटनाओं ने प्रदेश को शर्मसार किया है। प्रदेश में राजनीतिक प्रभाव रखने वाले लोगों और उनके परिवार द्वारा महिलाओं के साथ शारीरिक हिंसा बलात्कार की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। हमीरपुर में एक महिला के साथ बलात्कार करने का प्रयास किया गया उस गरीब महिला पर आत्मघाती हमला किया गया बाद में अस्पताल में उसकी मौत हो गई। राज्य सरकार की उदारीकरण निजीकरण और वैश्वीकरण नीतियों का प्रभाव आज बड़ी तेजी से देश और प्रदेश में देखने को मिल रहा है। इन नीतियों की वजह से जनता के अधिकारों पर हमले हो रहे है।उन्हें मिल रही सुविधाओं को छीना जा रहा है जिससे सरकार के प्रति लोगों में रोष पैदा हो रहा है। जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सता पक्ष अपनी सत्ता को बचाने के लिए जात के नाम पर धर्म के नाम पर लोगों को आपस में लड़ाने का काम किया जा रहा है। सरकारी नौकरियों में पक्के रोजगार की जगह कच्चा रोजगार दिया जा रहा है जिसमें मल्टी टास्क वर्कर, ट्रैफिक मित्र, बिजली मित्र, पशु मित्र, पार्ट टाइम, आउट सोर्स जैसा रोजगार दिया जा रहा है जिसमें आरक्षण को पूरी तरह से समाप्त किया जा रहा है। प्रदर्शन में वक्ताओं द्वारा सरकार से मांग की गई कि प्रदेश में छुआछूत जातिगत भेदभाव, दलितों के उत्पीड़न, महिलाओं के साथ शारीरिक हिंसा बलात्कार व उनकी हत्याओं जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाए। दोषियों को सख्त सजा का प्रावधान किया जाए। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति उप योजना को कानून बनाया जाए यह कानून तेलगाना राज्य की तर्ज पर बनाया जाए।प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति के विकास के लिए उनकी जनसंख्या के आधार पर बजट आवंटित किया जाए। सरकारी अर्ध सरकारी विभागों में सभी प्रकार की भर्तियों में आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए। अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण निवारण कानून 1989 को सख्ती से लागू किया जाए। हिमाचल प्रदेश में सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया जाए। अंतर्जातीय विवाह करने वाले जोड़ो को दी जाने वाली दो लाख की प्रोत्साहन राशि को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाए। भारतीय संविधान और संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ लिखने बोलने और आम जनता को भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाले, सांप्रदायिक माहौल खराब करने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाए। सभी सरकारी अर्ध सरकारी कार्यालय में संविधान की प्रस्तावना लगाई जाए। प्रदर्शन में जगत राम शोषण मुक्ति मंच के राज्य सहसंयोजक राजेश कोश, विवेक कश्यप, सीता राम, गोपाल, बुध राम जस्ता, रोशन लाल, उमा निशा कर्म चंद भाटिया गजाला, रमा, रीना आदि ने भाग लिया। वक्ताओं ने उपरोक्त मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगे पूरे हिमाचल प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा।

