हल्द्वानी। पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक राज्य इकाई उत्तराखंड द्वारा उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तराखंड में हो रहे अनुसूचित जाति समाज के साथ अन्याय को लेकर पूरे राज्य में जिला व तहसील प्रशासन के माध्यम से महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड ,राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग नई दिल्ली, राज्य अनुसूचित जाति आयोग उत्तराखंड को ज्ञापन भेजा गया है इसी क्रम में पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक के राज्य अध्यक्ष एडवोकेट डाॅ प्रमोद कुमार के नेतृत्व में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार हल्द्वानी के माध्यम से ज्ञापन भेजा ज्ञापन में कहा गया कि
विगत कुछ वर्षों में उत्तराखण्ड में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की हत्या बलात्कार व उत्पीड़न की घटनाओं में तेजी से वृद्धि होती जा रही है तथा जातिगत आतंक की सोच रखने वाले लोग यहाँ क्रूतम विभत्स हत्याकाण्डों को अंजाम देते जा रहे हैं जिनमें कुछ प्रमुख हत्याकांड निम्न है। 1. 2016- बागेश्वर जिले के भेटागांव में एक शिक्षक ने सोहन राम नाम के अनुसूचित जाति के व्यक्ति की गर्दन काटकर हत्या का प्रकरण
2. 2019- टिहरी जिले में अनुसूचित जाति के युवक जितेंन्द्र दास की हत्या का प्रकरण 3. 2021 – चम्पावत जिले के देवीधूरा के अनुसूचित जाति के रमेश राम की हत्या का प्रकरण
4. 2021- चमोली जिले के बराली क्षेत्र में अनुसूचित जाति की युवती पिंकी की बेहरमी से की गई हत्या का प्रकरण
5. 2022- पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट के रामी राम की हत्या का प्रकरण 6. 2022- अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण क्षेत्र में जगदीश की हत्या का प्रकरण
7. 2022- देहरादून जनपद के हर्रावाला क्षेत्र में अनुसूचित जाति की युवती की हत्या का प्रकरण 8. 2022 चमोली जिले के धराली। में अनुसूचित जाति के युवक वीरेन्द्र की हत्या का प्रकरण 9. 2022- उत्तरकाशी जिले में अनुसूचित जाति की नाबालिग युवती से चार बच्चों के पिता द्वारा बलात्कार का प्रकरण
उक्त जघन्य वारदातें उत्तराखण्ड के विभिन्न जिलों में विगत 6 वर्षों में घटित हुई है, जबकि उत्तराखण्ड के इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति अत्यंत कमजोर होने के कारण अधिकांश घटनाएं सामने ही नहीं आ पाती है तब इतने विभत्स मामलों में भी अधिकांश आरोपियों की गिरफ्तारी जनदबाव धरने प्रदर्शनों के बाद हो पाई है। जिससे जातिगत नफरत की सोच रखने वालों के हौसले बुलंदे हैं तथा इस प्रकार की घटनाओं की संख्या उत्तरोतर बढ़ती जा रही है।पार्टी ने मांग की है कि उक्त सभी मामलों व अन्य जातिगत उत्पीड़न की घटनाओं पर विभिन्न जिलों से अब तक की गई वैधानिक कार्यवाही की समीक्षा करने की तथा पीड़ित परिवारों के पुनर्वास हेतु की गई कार्यवाही को भी सार्वजनिक करवाने व प्रत्येक पीड़ित परिवार को अंकिता भण्डारी के परिजनों के समान 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता व एक सदस्य को सरकारी सेवा में लेने की मांग की गई है और कहा गया है कि अगर मांग नहीं मानी जाएगी तो ‘ यह माना जायेगा कि राज्य सरकार हत्याकाण्डों से पीड़िता परिवारों के साथ भी जाति के आधार पर भेदभाव कर रही है।और मांग की गई है कि भविष्य में जातिगत उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने व उन पर तुरंत ठोस कार्यवाही हेतु स्थानीय व जिला प्रशासनों को ठोस नीति तैयार करने हेतु निर्देशित करें और कहा गया है कि यदि एक माह के भीतर उक्त संबंध में कोई सार्थक व ठोस पहल नहीं की गई तो पीपल्स पार्टी आफ इंडिया डेमोक्रेटिक को राज्य स्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा ज्ञापन देने वालों में पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक के राज्य अध्यक्ष एडवोकेट डाॅ प्रमोद कुमार, मोहम्मद नवी,प्रकाश आर्या, शिवम् सागर, नवल किशोर आर्या, राज कुमार, मोहम्मद फैजान, सचिन चंद्र, मनोज कुमार नाग, एडवोकेट गंगा प्रसाद, चंद्र प्रकाश, सहीद अहमद विनोद कुमार बौद्ध, सुनील कुमार उपस्थित रहे।