
देहरादून। साल 2015-16 में हुई दारोगा भर्ती में सामने आए घोटाले को लेकर जहां कांग्रेस बीजेपी सरकार को सीबीआई जांच के लिए कह रही है तो वहीं बीजेपी का कहना है कि ये घोटाला तत्कालीन हरीश रावत सरकार में हुआ था. इस प्रकरण पर एक दिन पहले ही तत्कालीन गृह मंत्री रहे प्रीतम सिंह (पूर्व नेता प्रतिपक्ष व वर्तमान कांग्रेस विधायक) ने भी ये बात स्वीकार की थी ये घोटाला कांग्रेस सरकार के समय हुआ है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने आरोप-प्रत्यारोप में पड़ने के बजाय पूरे मामले की सीबीआई जांच की जाए. अब इस मामले पर तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने भी चुप्पी तोड़ी है। सोशल मीडिया के जरिए हरीश रावत ने लिखा है कि, दारोगा भर्ती नकल प्रकरण में पहले उन्होंने सोचा था कि वो चुप ही रहें क्योंकि यह भर्तियां उनके कार्यकाल में हुई थीं और वर्षों से नहीं हुई थी, तो इसलिए उन्होंने यह भर्तियां करने के निर्देश दिए थे. इसी तरीके से बहुत सारी डीपीसीज, कैडर रिव्यू और एश्योर करियर प्रमोशन की स्कीम आदि को भी उन्होंने क्रियान्वित किया था, ताकि कर्मचारियों को भी उनका उचित पुरस्कार मिल सके।