
अल्मोड़ा शिक्षा एवं शिक्षकों से सम्बन्धित विभिन्न सवालों को लेकर उत्तराखण्ड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद अल्मोड़ा के समस्त ब्लॉक व जनपदीय पदाधिकारियों की एक विचार मंथन बैठक शिक्षक भवन लक्षमेश्वर अल्मोड़ा में की गई जिसकी अध्यक्षता किशोर जोशी एवं सभा का संचालन जगदीश सिंह भण्डारी द्वारा किया गया
बैठक में सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि संगठन द्वारा अपने पूर्व लम्बित मांगों को लेकर कई बार जिले के अधिकारियों से लिखित व मौखिक वार्ता की गई, किन्तु अधिकारी इस विषय पर उदासीन बने हुए है, 1 लगभग 5 घंटे की मैराथन बैठक के बाद समस्त पदाधिकारियो ने निर्णय लिया की अपने लम्बित प्रकरणों को लेकर संगठन 04 फरवरी 2023 (शनिवार) को मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक दिवसीय धरना देंगे।
बैठक में जगदीश भण्डारी ने कहा कि जो भी अधिकारी अल्मोड़ा में आते है उनके अपने अलग ही नियम चलते है इनका विभागीय सेवा नियमावली से कोई वास्ता नहीं है, शिक्षा विभाग अधिकारियों के मनमर्जी का अड्डा बना हुआ है, जो पद विभाग में है ही नहीं उन पदों को सृजित कर शिक्षकों से बाबूगिरी करायी जा रही है। गिरजा भूषण जोशी ने कहा कि शिक्षक समाज को अधिकारियों की निरंकुशता के कारण अगर आन्दोलन करने को मजबूर होना पडे तो इससे दुर्भाग्यजनक कुछ नही हो सकता, गणेश भण्डारी ने कहा कि नियम विरुद्ध संकुल व विकासखण्ड में प्रभार दिये गये है तथा जनपद स्तर में भी नये पद सृजित कर दिये गये है। शिक्षकों से केवल शिक्षण का कार्य कराया जाना चाहिए, बलवन्त अधिकारी पूर्व जिलाध्यक्ष अल्मोड़ा द्वारा कहा गया कि परिषदीय सेवाकाल की भविष्य निधि की धनराशि राजकीयकरण के 17 वर्ष बाद भी संबंधितशिक्षकों के महालेखाकार से आवंटित खातों मे हस्तान्तरित न करना व लगातार कालातीत देयक संबन्धित प्रकरणों की संख्या का बढ़ना कही न कही कार्यालय की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह है, विकासखण्ड सोमेश्वर के मंत्री कैलाश जोशी द्वारा कहा गया आदर्श विद्यालयों में शिक्षकों की कमी है जहां अन्य विद्यालयों से व्यवस्था कर शिक्षण कार्य कराया जा रहा है जिससे दोनों विद्यालयों में शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है।
जिलाध्यक्ष किशोर जोशी ने कहा कि शैक्षिक उन्नयन के लिये सभी शिक्षक समर्पित है, यदि इस प्रकार उनकी जायज मांगों को बेवजह लम्बित रखा जायेगा तो उन्हें आन्दोलन के लिये बाध्य होना ही पड़ेगा। जनपद में लोक सेवक स्थानान्तरण अधिनियम 2017 की धारा- 17(क) के विरुद्ध स्थानान्तरण आदेश निर्गत किये गये है, जिसमें कुछ शिक्षकों के विद्यालय संशोधित कर दिये गये हैं जबकि कुछ शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध कर उनको प्रताडित किया जा रहा है जो की बदरत योग्य नहीं है।
जिला कोषाध्यक्ष मनोज बिष्ट ने कहा कि पदोनति के उपरान्त भी संशोधन हेतु कुछ ही शिक्षकों के प्रत्यावेदनों में पर विचार किया गया जबकि समान अर्हताधारी शिक्षकों पर विचार न करना कार्यशैली पर संदेह उत्पन्न करता है।
बैठक में राम सिंह जनी, मंजू शर्मा, रमेश लाल वर्मा, गणेश भण्डारी, कैलाश जोशी, बलबीर बिष्ट, गिरीश नेगी, शैलेन्द्र सिंह हरीश अधिकारी, दया कृष्ण जोशी, मदन मोहन शर्मा, चन्दन बिष्ट ,सुरेन्द्र भण्डारी, अर्जुन सिंह बिष्ट, निरंजन कुमार, दयाल सिंह, अनिल कुमार काण्डपाल, बलवन्त अधिकारी, पूरन सिंह बोरा , मनोज शर्मा, चन्द्रशेखर नेगी, गिरिजा भूषण जोशी आदि ने अपने विचार रखे।