
पौड़ी (गढ़वाल) राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड रत्न सम्मान से विभूषित,उत्तराखंड,क्रांतिकारी समाज सुधारक, स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा, प्रसिद्ध डोला- पालकी आंदोलन के प्रणेता,कर्मवीर जयानंद भारतीय के पराक्रमी जीवन का ऐतिहासिक पराक्रम 6 सितम्बर 1932 का पौड़ी काण्ड वो घटना जो पहाड़वासियों के लिये गर्व की बात है। जब भारतीय ने अंग्रेज गवर्नर मैलकन हेली के लिये मण्डल मुख्यालय पौड़ी में अंग्रेज परस्त अमन सभा द्वारा सजाएं स्वागत दरबार को कोटद्वार से पौड़ी पैदल जाकर पौड़ी में लगे स्वागत दरबार को खंडित कर गवर्नर के सामने तिरंगा झंडा लहराकर गो बैक मैलकन हैली, भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद, कांग्रेस जिन्दाबाद के नारे लगाकर उसे पौड़ी से भगाया था , चूंकि उस समय स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कर रही कांग्रेस को अंग्रेज सरकार ने प्रतिबंधित किया हुवा था और सरकार के खिलाप उठने वाली हर आवाज को दबा दिया गया था ,कांग्रेसियों को जेल में डाल दिया गया था,उस समय गवर्नर के स्वागत दरबार में ऐंसा करना मौत को दावत देने के समान था,इस घटना से पूरी दुनियां को पता चला कि स्वतंत्रता संग्राम का आंदोलन हिमालय की चोटियों तक पहुँच चुका है।भारतीय के इसी पराक्रमी पौड़ी क्रांति दिवस की वर्षगांठ 6 सितंबर को शैलशिल्पी विकास संगठन द्वारा प्रतिवर्ष शैलशिल्पी पराक्रम दिवस दिवस के रूप में मनाया जाता है। गढ़वाल में स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक पौड़ी क्रांति दिवस 6 सितंबर 1932 की स्मृति एवं पौड़ी क्रांति के नायक कर्मवीर जयानंद भारतीय के सम्मान में शैलशिल्पी विकास संगठन वर्ष 2018 से प्रतिवर्ष 6 सितंबर पौड़ी क्रांति दिवस की वर्षगांठ को शैलशिल्पी पराक्रम दिवस समारोह के रूप मनाता आ रहा है, इस वर्ष शैलशिल्पी विकास संगठन 6 सितंबर 2025 को आठवीं बार शैलशिल्पी पराक्रम दिवस समारोह का आयोजन द्वारीखाल ब्लॉक के अंतर्गत स्थित सदभावना होटल एवं वैडिंग प्वाइंट लक्ष्मणझूला मार्ग गुमखाल में करने जा रहा हैइस अवसर पर शैलशिल्पी विकास संगठन आपको सादर आमंत्रित करता है।
प्रेषक-
विकास कुमार आर्य
प्रदेश अध्यक्ष
शैलशिल्पी विकास संगठन
मुख्यालय – कोटद्वार गढ़वाल उत्तराखंड-9368474042