
अल्मोड़ा दिनांक 28 सितम्बर 2025 को द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन शताब्दी समारोह आयोजन समिति द्वारा रैमजे इंटर कॉलेज में भव्य रूप से शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया! आयोजन की शुरुआत चौघानपाटा मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के मूर्त पर माल्यार्पण के बाद विशाल सांस्कृतिक जूलूस के साथ हुआ! सांस्कृतिक जूलूस लोअर माल रोड बाज़ार होते हुए रैमजे इंटर कॉलेज कार्यक्रम स्थल पहुंचा! कार्यक्रम स्थल पर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया! साथ ही अतिथियों द्वारा मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के चित्र पर पुष्प अर्पित किये गए! तत्पश्चात चंद्र शेखर आर्य, रमेश लाल और पीयूष कुमार की टीम ने मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के जीवन पर आधारित गीत के माध्यम से उन का जीवन परिचय रखा! उसके बाद कार्यक्रम के संरक्षक दयाशंकर टम्टा ने द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन शताब्दी समारोह के विषय में अपने विचार रखेे! कार्यक्रम के संयोजक संजय कुमार टम्टा द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया और द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन शताब्दी समारोह के ऐतिहासिकता पर विस्तार से अपने विचार रखे गए! तत्पश्चात शताब्दी समारोह में आए हुए सभी अतिथियों को ताम्र पत्र भेंट किए गए! कार्यक्रम में ध्रुव टम्टा के निर्देशन में तैयार मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के जीवन व द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन से संबंधित नाटक प्रस्तुत किया गया! कार्यक्रम में एक पुस्तक और दो स्मारिका का विमोचन मुख्य अतिथियों द्वारा किया गया! जिसमें महेश प्रसाद टम्टा एडवोकेट लिखी गई पुस्तक एक महानायक मुंशी हरि प्रसाद टम्टा पुस्तक व मनवर लाल भारती द्वारा हस्त लिखीत स्मारिका शिल्पकार समाज के अग्रदूत उत्तराखण्ड के अम्बेडकर राय बहादुर मुंशी हरि प्रसाद टम्टा व प्रकाश चंद्र आर्या द्वारा संपादित उत्तराखण्ड शिल्पकार समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं समाज सुधारक स्मारिका का विमोचन किया गया! तत्पश्चात घुगुतीया लोक सांस्कृतिक मंच के निर्देशक कुंवर राज की टीम ने द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन के ऐतिहासिक विषय को नाटक के रूप में प्रस्तुत किया! कार्यक्रम में आयोजन समिति द्वारा सामाजिक, साहित्य, पत्रकारिता, कला शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य वाले लोगों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह देकर समानित किया! जिसमें पत्रकारिता के लिए समता अखबार के संपादक दया शंकर टम्टा व साहित्य लेखक के लिए मनवर भारतीय जरती व सामाजिक व पत्रकारिता के लिए प्रकाश चंद्र आर्या को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया! काष्ठ कला के लिए व चित्र कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए संजय राजेश्वरी व निशा टम्टा, मयंक टम्टा को सम्मानित किया गया! ताम्र शिल्पी के लिए देवेंद्र टम्टा, सहित एक दर्जन ताम्र शिल्पियों को सम्मानित किया गया! इसके पश्चात कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों को आयोजन समिति द्वारा 21 बिंदुओं का प्रस्ताव सौपा गया! कार्यक्रम में पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने अपने विचार रखते हुए सभा को संबोधित करते हुए मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के आंदोलन के विषय में अपने विचार रखे उन्होंने कहा मुंशी हरि प्रसाद टम्टा द्वारा सामाजिक न्याय के लिए द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन आयोजित किया गया था! जिस का परिणाम यह हुआ कि शिल्पकार समाज के लोगों को पढ़ने का मौका मिला और भूमि हिनों को भूमि मिली लेकिन अभी बहुत से भूमि हिनों को भूमि का मालिकाना हक नहीं मिला है हम सब को मिलकर उन्हें मालिका हक दिलाने होंगे! उन्होंने कहा कि जब हमारी प्रदेश में सरकार थी तब मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के नाम पर गरूड़ाबांज में शिल्प उन्नयन संस्थान का शिलान्यास किया गया था! जैसे ही हमारी सरकार गयी तब से वो कार्य ठप पड़ा है उन्होंने केन्द्रीय मंत्री अजय टम्टा से कहा कि सरकार से शिल्प उन्नयन संस्थान के कार्य को पुनः सुचारू रूप से शुरू करने के कहें! कार्यक्रम में अपने संबोधन में अनुसूचित जाति आयोजन के अध्यक्ष मुकेश कुमार ने बात करते हुए कहा कि मुंशी हरि प्रसाद टम्टा ने जो एतिहासिक कार्य किये है उन कार्यों को हमें आगे बढ़ाने होंगे और उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा हरिद्वार में शिल्पकार समाज के समाज सुधारों के नाम पर एक भवन बनाया जा रहा है जिसमें उत्तराखण्ड के सभी शिल्पकार समाज सुधारकों की मूर्ति लगेगी और उनका जीवन परिचय उस पर लिखा जाएगा! कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री अजय टम्टा द्वारा मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के द्योलीडांडा शिल्पकार सम्मेलन के विषय में बताया गया कि उस समय की तात्कालिन परिस्थितियों को के अनुसार वह सम्मेलन किया गया था जिसमें सामाजिक न्याय की मांग कि गयी थी! शिल्पकारों को शिक्षा और सरकारी सेवाओं में अवसर दिये जाने और राजनीति के क्षेत्र में अवसर दिए जाते की मांग की गई थी! जो तात्कालिक समय की महत्वपूर्ण मांग थी! उन्होंने कहा कि पूर्व में मुंशी हरि प्रसाद टम्टा धर्मशाला के लिए जो राज्य सरकार द्वारा तीन बार पैसा दिया गया लेकिन पूर्व के नगरपालिका अध्यक्षों द्वारा उस पैसे को कर्मचारियों के वेतन में बांट दिया! लेकिन उन्होंने सरकार के दो मदों से पैसे दिलवाकर मुंशी हरि प्रसाद टम्टा धर्मशाला का निर्माण करवाया! उन्होंने कहा कि समाज के विकास के लिए वो हमेशा तत्पर है अभी भी और भविष्य में भी! अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए! कार्यक्रम के संरक्षक दया शंकर टम्टा ने कार्यक्रम को सफल बनाने और कार्यक्रम में आए हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद प्रेषित किया! कार्यक्रम में दिल्ली, लखनऊ, देहरादून, कुमाऊँ मण्डल गढ़वाल मण्डल के सभी जनपदों से सामाजिक कार्यकर्ता, कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी और राजनैतिक क्षेत्र के लोग आए हुए थे! कार्यक्रम का संचालन सुंदर लाल आर्या, डॉ रचना टम्टा, शैलेंद्र टम्टा द्वारा सयुक्त रूप से किया गया! कार्यक्रम में नगर निगम मेयर अजय वर्मा, महेंद्र प्रकाश, करम राम, रघुनाथ लाल आर्या, विकास कुमार, डी आर बाराकोटी, डॉ जीत राम, ललित फर्वाण, रेनू टम्टा, अनूप कुमार पाठक, डॉ जितेंद्र बुटोया, सुरेन्द्र ग्वासिकोटी, सावन टम्टा, प्रोफेसर संजय टम्टा, प्रोफेसर संजीव आर्या, डॉ मोहित टम्टा, प्रकाश चंद्र आर्या, नंदकिशोर टम्टा, सुभाष चंद्र, सुधीर कुमार, नवीन त्रिकोटी, रवि शंकर टम्टा, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे!