
सोनीपत (हरियाणा) आज दिनांक 13 अक्तूबर 2025 को मूलनिवासी संघ जिला इकाई सोनीपत के कार्यकर्ताओं ने मू. अभिरंजन प्रदेश कार्यालय सचिव के नेतृत्व में हरियाणा सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के दिवंगत ADGP वाई पूरन कुमार की जातिवादी संस्थागत हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलवाने के लिए एसडीएम गन्नौर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। पीपल्स लिगल सैल की सदस्य एडवोकेट पूनम बेदी ने बताया कि दिनांक 07-10-2025 दिन मंगलवार को हरियाणा के बहुत ही ईमानदार, कर्मठ अनुशासित अधिकारी वाई पूरन कुमार को अनुसूचित जाति का होने के कारण सिस्टम द्वारा आत्म हत्या के लिए मजबूर किया गया। जो कि यह दर्शाता है कि भारत देश की 78 वर्षों की आजादी के बाद तथा भारतीय संविधान के 75 वर्षों से लागू होने के बावजूद भी मनुवादी विचारधारा के लोग अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक धर्म परिवर्तित लोगों, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को समय समय पर विभिन्न तरीकों से सांगठनिक रूप से अपमानित करते हैं। पूरे देश में इस घटना से गहरा रोष व्याप्त है। वरिष्ठ कार्यकर्ता मू. आर. के. चौपड़ा ने बताया कि कल चंडीगढ़ में हुई महापंचायत में सरकार को इस मामले में कार्यवाही करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। यदि कार्यवाही नहीं होती है तो पुरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ मूलनिवासी संघ अन्य संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन को तीव्र करेगा और इस आंदोलन को देश के अन्य राज्यों तक भी फैलाएगा। पीपल्स पार्टी ऑफ इण्डिया (डेमोक्रेटिक) के प्रदेश मिडिया प्रभारी मू. ओम सिंह टांक ने कहा कि देश में संविधान को ताक पर रखकर लोकतंत्र को खत्म करके राजशाही की ओर धकेला जा रहा है। देश में अनुसूचित जाति-जनजातियों, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक धर्मपरिवर्तित लोगों की संस्थागत हत्याएं की जा रही है। जब बड़े बड़े अधिकारी ही इस जातिवादी सोच का शिकार हो रहे हैं तो आम आदमी के हालात क्या होंगे? इसलिए आज हमारी सरकार से यही मांग है कि व्यवस्था में बैठे जातिवादी लोगों का अभी इलाज़ नहीं किया गया तो भविष्य के हालात और भी ज्यादा गंभीर हो जाएंगे। बीएसपी के नेता एडवोकेट जितेन्द्र रंगा ने कहा कि सभी आरोपी अधिकारियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज करके तुरंत गिरफ्तार किया जाए। मूलनिवासी संघ के प्रदेश कार्यालय सचिव मू. अभिरंजन ने कहा कि इस ज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रपति से हमारी मांग है कि इस केस की निष्पक्ष जाँच सुप्रीम कोर्ट के सीटींग जज़ से या सीबीआई से करवाई जाए। सरकार का ढ़ूलमुल रवैया केस को कमज़ोर कर रहा है और हमारा प्रदेश सरकार व प्रदेश पुलिस पर कोई विश्वास नहीं है। इस अवसर पर पूर्व संरपंच रामबीर रामनगर, पूनम टांक,एडवोकेट मंजू चौपड़ा, एडवोकेट मंजू बाला, एडवोकेट हिमांशु, धर्मबीर सौदा, सुभाष बेगा, विकास बोहत, रणधीर सिंह भौरिया, गुरजीत सिंह, सुशील धानिया, प्रेम प्रकाश, प्रवीन कुमार, महेन्द्र सिंह व मूलनिवासी संघ के अन्य कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।