
कैथल हरियाणा आज दिनांक 19/01/2024 को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 480 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता सतपाल आंनद ने की, सतपाल आंनद ने कहा कि नई शिक्षा नीति फेल साबित हो गई है, इससे केंद्र सरकार को सबक लेना चाहिए और शिक्षा नीति में व्यापक सुधार करना चाहिए। एक दिन के उपायुक्त रहे शिवचरण कसान ने कहा कि यह कितनी बड़ी विडम्बना है कि एक तरफ तो देश में लाखों पद खाली पड़े है, अध्यापकों और चिकित्सकों की भर्ती न होने के चलते सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की व्यवस्था चरमरा गई है, वहीं दूसरी ओर देश के पचास सालों के सबसे भयंकर बेरोजगारी के संकट की गिरफत में देश है, हरियाणा में तो बेरोजगारी दर का स्तर और भी डरावना है। इसी साल एक समय पर बेरोजगारी दर 37.4 प्रतिशत तक पहुंच गई थी जबकि 5 प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी दर की स्थिति को चिंताजनक समझा जाता है, अभी हाल ही में ग्रुप सी और डी की लगभग 45000 भर्तियों के लिए 27 लाख आवेदन, हरियाणा में रोजगार के हालात दिखाने के लिए काफी है, इससे सरकार को सबक लेना चाहिए। जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन कर हरियाणा सरकार ने स्पष्ट संकेत दे दिए हैं भविष्य में स्थाई भर्ती के स्वरूप को ही खत्म करने जा रहे हैं, इस निगम ने अस्थाई रोजगार की एक व्यवस्था बनाई है,यह व्यवस्था नौजवानों, बेरोजगारों और छात्रों के लिए बेहद ख़तरनाक है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बार बार पेपरों का लीक होना, बार बार परिक्षाएं रद्द करना, और भर्तियों को चुनावी साल तक लटकाए रखना, उन युवाओं के साथ भद्दा मजाक है जो कोचिंग संस्थानों, पुस्तकालयों, आवेदनों और परिक्षाओं में न केवल हजारों रुपए खर्च कर रहे है बल्कि खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से भी खपा रहे है, जो गिनी चुनी भर्तियां हो भी पाती है वो भी बड़ी मशकत के पश्चात पूर्ण हो पाती है, यह सब सरकारों की गलत नीतियों के कारण हो रहा है। धरने पर कलीराम, सतबीर, रणधीर ढुंढ़वा, रमेश हरित, मियां सिंह, बलवंत रेतवाल, मामचंद खेड़ी सिम्बल, वीरभान हाबड़ी,साहिल, बलवंत धनोरी, ईश्वर, हजूर सिंह, रमेश देबण, रिसाल सिंह, भीम सिंह आदि भी उपस्थित थे।