द्वाराहाट (अल्मोड़ा) बैरती–पान, ग्राम पिनबगड़ निवासी कपिल कुमार को हिंदी विषय में मिली पी०एच०डी० की उपाधि। कपिल कुमार ने अपना शोध कार्य डी.एस.बी.परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल उत्तराखंड के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर निर्मला ढैला बोरा के निर्देशन में पूर्ण किया। कपिल कुमार के शोध का विषय-“प्रेमचंद की कहानियों का रंगमंचीय विश्लेषण” था। कपिल कुमार ने अपनी स्नातक की पढ़ाई हिंदू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय तथा स्नातकोत्तर की पढ़ाई हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से की है, साथ ही उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी–हिंदी अनुवाद में डिप्लोमा भी किया है। वह लगभग पिछले एक दशक से रंगमंच के क्षेत्र में सक्रिय हैं। ‘रंगरेज़ थियेटर ग्रुप’ दिल्ली के संस्थापक कपिल कुमार ने प्रेमचंद, भीष्म साहनी, मंटो इत्यादि कहानीकारों की कई कहानियों का मंचन किया है और वर्तमान में भी वह नाटकों के निर्देशन का कार्य कर रहे हैं। इससे पूर्व कपिल कुमार ने एम्स, नई दिल्ली में कनिष्ठ हिंदी अनुवादक के पद पर तथा मैत्रेयी महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय (NCWEB) एवं डॉ.बी.आर.अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली के हिंदी विभाग में अतिथि व्याख्याता के पद पर अपनी सेवाएं दी हैं। कपिल कुमार ने इस उपलब्धि को पूर्ण रूप से अपने स्वर्गीय माता–पिता को समर्पित किया है और इस उपाधि का श्रेय अपने परिवारजनों, शिक्षकों एवं अपनी पत्नी डॉ. मोनिका सिवाली को दिया है। उनकी इस उपलब्धि पर उनके परिवार के सदस्यों तथा मित्रों ने उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं।