कैथल (हरियाणा) आज दिनांक 31/01/2024 को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 492 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता फायर ब्रिगेड से रिटायर्ड कर्मचारी नेता रामकरण ने की, उन्होंने कहा कि देश में आज जनता को गूंगा-बहरा बनाया जा रहा है। जनता से उसके लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार छिने जा रहे हैं। सरकार के खिलाफ बोलने या जनहित में आवाज उठाने पर राजद्रोह जैसे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं, शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर इसी रणनीति का हिस्सा है। आज गूंगी बहरी हो रही जनता को गूंगेपन और बहरेपन से बचाने की आवश्यकता है, बाबा साहब डॉ अम्बेडकर ने आज के ही दिन ऐसे लोगों की आवाज उठाने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए मूक नायक समाचार पत्र निकाला था।
बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की बुलंद आवाज का सशक्त दस्तावेज ‘मूकनायक’ समाचार-पत्र का पहला अंक बाबा साहब के द्वारा आज ही के दिन 31 जनवरी, 1920 को निकाला गया था, जबकि बाबा साहब द्वारा अंतिम अखबार ‘प्रबुद्ध भारत’ का पहला अंक 04 फरवरी, 1956 को प्रकाशित हुआ। पाक्षिक समाचार-पत्र ‘मूकनायक’ के माध्यम से बाबा साहब ने यह तीखा सवाल पुरजोर तरीके से उठाया कि स्वराज किसके लिए? क्या यह स्वराज भारत के बहिष्कृत-अछूतों (दलितों) के लिए भी होगा? क्या इसमें उनकी भी बराबरी के आधार पर सहभागिता होगी? या यह स्वराज, सदियों से अछूत कहे जाने वाले लोगों पर अत्याचार कर रहे उच्च जातियों मात्र का ही होगा? मूकनायक’ के प्रकाशन के साथ ही बाबा साहब पहली बार भारत के मूक-बहुजन समाज के घोषित नायक बन गए। मूकनायक’ के प्रकाशन तिथि 31 जनवरी के सुअवसर पर आज हम बाबासाहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के “कुशल दूरदर्शी पत्रकार व्यक्तित्व” को स्मरण करते हुए कृतज्ञतापूर्ण नमन करते हैं। धरने पर आज रामकली जांगड़ा, सतबीर प्यौदा, वीरभान हाबड़ी, कृष्ण कुमार, रमेश चंद्र, अनिल कुमार, सुनील दिवाल, संदीप कुमार, जयप्रकाश शास्त्री, रामशरण राविश आदि भी उपस्थित थे।