कैथल हरियाणा आज दिनांक 01/02/2024 को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 493 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता किसान नेता रमेश देबण ने की, रमेश देबण ने कहा कि मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली से हमारी गणतांत्रिक मूल्यों पर सवालिया निशान खड़े हो गए है। मौजूदा सरकार के दस साल के कार्यकाल में राज्य के तमाम अंग उपांगों का जिस तौर पर चरित्र बदला है वह बिल्कुल साफ साफ देखा जा सकता है। नौकरशाही, पुलिस, सेना, मीडिया से लेकर न्याय व्यवस्था का फासीवादीकरण बीते दस सालों में बखूबी किया गया है। भीम सिंह तितरम ने कहा कि जिला प्रशासन ने जन शिक्षा अधिकार मंच को 26 जनवरी तक मांगों के समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन अभी तक भी जिला प्रशासन की ओर से हमें आगामी कार्रवाई से अवगत नहीं करवाया है जो कि जिला प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा करता है, जिला प्रशासन को किए गए वायदे को पूरा करना चाहिए। जिला उपायुक्त प्रशांत पंवार ने 8 दिसम्बर को जन शिक्षा अधिकार मंच के प्रतिनिधिमंडल को दो सप्ताह में समाधान का आश्वासन दिया था और कुछ मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री के ओएसडी से बात करवाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक जिला उपायुक्त कैथल ने मुख्यमंत्री के ओएसडी से बात नहीं करवाई है, इससे जिला उपायुक्त की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े होंगे, हमारा जिला उपायुक्त से अभी भी अनुरोध है कि वह किया गया वायदा निभाएं। मियां सिंह ने आज इस अवसर पर कहा कि जिला प्रशासन हमारे धरने का सम्मान करें और धरने को हल्के में ना लें, यह धरना जन भावनाओं से जुड़ा हुआ है जो भविष्य में एक बड़ा मुद्दा भी बनेगा। बलवंत रेतवाल ने कहा कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक जन शिक्षा अधिकार मंच की मांगों का समाधान नहीं हो जाता,इसको हम नई सरकार के आने तक भी जारी रखेंगे। मामचंद खेड़ी सिम्बल ने कहा कि मौजूदा सरकार के लोग संवैधानिक नैतिकता और दायित्वों से किनारा कर रहे है जिसमें भविष्य में देश में संवैधानिक संकट खड़ा हो सकता है, मौजूदा सरकार के कर्णधारों को देशहित में सोचना चाहिए और देशहित, जनहित में सोचते हुए संवैधानिक दायित्वों का पालन करना चाहिए। धरने पर आज सतबीर, अशोक, वीरभान हाबड़ी, रणधीर, जयप्रकाश शास्त्री, संदीप कुमार, रामशरण राविश, सुनील कुमार, बिक्रम, राजपाल आदि भी उपस्थित थे।