नैनीताल आज दिनाँक 23-05-24 को शिल्पकार सभा नैनीताल में बुद्ध पूर्णिमा मनाई गयी। कार्यक्रम का प्रारम्भ पंच मोमबत्ती प्रज्वलन कर किया गया। संचालन महामंत्री देवेन्द्र प्रकाश ने किया। वक्ताओं ने महात्मा बुद्ध के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महात्मा बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व लुंबिनी जो अब नेपाल में है हुआ था। घर परिवार त्यागने के बाद वह सात वर्षां तक दुःख एवं सत्य की खोज करते करते आज ही के दिन 483 ईसा पूर्व बोध गया बिहार में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें सुजाता नाम की महिला ने खीर खिलायी थी, और उन्हें यहीं ज्ञान प्राप्त हुआ था। आज महात्मा बुद्ध को light of asia के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है। महात्मा बुद्ध ने दुःख के निवारण के लिए अष्टांगिक मार्ग बताए। वक्ताओं ने बताया बुद्ध पूर्णिमा पुरे विश्व में मनाई जाती है। सम्राट अशोक ने भी अहिंसा का मार्ग अपनाकर बौद्ध धर्म अपनाया और इसका प्रचार प्रसार किया। अंन्ततः 80 वर्ष की अवस्था में कुशीनगर उत्तर प्रदेश में बैशाख माह की पूर्णिमा के दिन देह त्याग किया था। वक्ताओं ने बुद्ध के बताए सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलने को कहा। कार्यक्रम में सर्व के०एल०आर्य, राजेन्द्र प्रसाद, संजय कुमार, बंटुआर्य, रमेश चन्द्रा, राजेन्द्र प्रसाद, विजय कुमार, इन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।