कोटद्वार झंडिचौड़ पश्चिमी – विश्वम्भर दयाल मुनि विश्वकर्मा ट्रस्ट (पंजीकृत) के तत्वाधान में ट्रस्ट की आम बैठक झंडिचौड़ पश्चिमी में हुई, जिसमे ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष प्रमुख आर्य समाजी विश्वम्भर दयाल मुनि विश्वकर्मा के ब्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला गया एवम ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष कांतिप्रकाश की 7 वीं पुण्यतिथि पर उनको याद किया गया व भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई, सभा की अध्यक्षता ट्रस्टी बीर सिंह ने व संचालन ट्रस्ट के संस्थापक सचिव डॉ. सुरेन्द्र लाल आर्य व शूरबीर खेतवाल ने किया। सभा को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि निवर्तमान पार्षद सुखपाल शाह ने कहा कि मुनि ने जीवन के अंतिम पड़ाव में 1995 में महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों की रोशनी में निर्धन मेधावी छात्रों , अनाथों, दिव्यांगों व बेसहारों के हित में अपनी निजी पूंजी से ट्रस्ट की स्थापना की थी। विशिष्ट अतिथि प्रमोद कुमार चौधरी ने शिक्षा के विस्तार की आवश्यकता बताई आर्य समाज कोटद्वार के आचार्य नितिन शास्त्री ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती के सामाजिक दर्पण का उद्देश्य सिर्फ विज्ञान और समाजशास्त्र जैसे विषय का अध्ययन ही नहीं था बल्कि नैतिकता-चरित्र निर्माण, सेवा भाव,परोपकार ओर सामाजिक कर्तब्य निष्ठा का विकास करना भी था। सभा को ट्रस्ट की अध्यक्षा लक्ष्मी देवी, किसान नेता परसुराम,रामेश्वरी देवी, पुष्पा शाह, प्रिया, कमल कुमार, पूनम देवी, कोमल चन्द्र, मुकेश चन्द्र आदि ने संबोधित किया। सभा मे उज्ज्वल चन्द्र, मनोज सिंह,दलजीत सिंह, बलबीर सिंह रुमेला, आर्यन व सुशीला देवी आदि मौजूद थे।

