नगीना बौद्ध अनुयायियों ने तहसील दिवस में राष्ट्रपति के नाम उप जिलाधिकारी नगीना आशुतोष जायसवाल को एक ज्ञापन दिया। जिसमें उन्होंने लिखा कि बिहार राज्य के बोध गया में महाबोद्धी बुद्ध विहार बौद्ध धर्म का केंद्र है तथा यह भूमि तथागत गौतम बुद्ध की तपोभूमि एवं धर्म चक्र प्रवर्तन की सूत्रधार है जिससे भारत विश्व मैं विश्व गुरु के रूप में जाना जाता रहा है इसलिए यह स्थान विश्व के समस्त बौद्ध अनुयायियों की आस्था का केंद्र बिंदु बना हुआ है यह जानते हुए भी वहां स्थित बौद्ध बिहारो पर तथाकथित मनुवादी व्यवस्था के विघटन करी तत्वों ने अवैध कब्जा किया हुआ है एक एक्ट जो 1949 में बना जो उसके संरक्षण हेतु था यह एक्ट सन1950 में भारत की संविधान को अंगीकार करने के तुरंत बाद ही स्वत समाप्त हो गया है आपसे हम समस्त बोद्ध धर्म में आस्था रखने वाले भारतवासी महाबोद्धि माबिहार को मनुवादी विघटन कारी तत्वों से मुक्त कराने तथा समस्त बोद्ध बिहारों को संरक्षित करने के लिए उचित कानून बनाने की प्रार्थना करते हैं यदि हम सभी बौद्ध धर्म अनुयायियों की आस्था के केंद्र महाबोद्धी महाबिहार को मुक्त नहीं कराया गया तो हम सभी को आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा। इस मौके पर लक्ष्मीकांत सुभाष चंद्रभूपेंद्र पाल सिंह चमार रामगोपालसरल कुमारअमित चंद रमन कुमारमास्टर धर्मवीर सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।