चमोली हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जो महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का प्रतीक है। इस अवसर पर, भारत सरकार ने गौरा शक्ति योजना के तहत विशेष कार्यक्रम आयोजित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा तकनीकें सिखाना है। 2025 के इस महिला दिवस पर, जनपद की महिला पुलिसकर्मियों, पीआरडी, होमगार्ड की जवानों व शारदा सुमन चिल्ड्रन एकेडमी, उत्तराखण्ड पब्लिक स्कूल की बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षक पाठ्यक्रम के अंतर्गत Smart Skill Techniques और EDC (Every Day Carry) से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण न केवल महिला पुलिसकर्मियों को आत्मरक्षा के संबंध में सक्षम बनाएगा, बल्कि वे स्वयं उन तकनीकों को अन्य महिलाओं और बालिकाओं को सिखाने में भी सक्षम होंगी।
कार्यक्रम का उद्देश्य
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से, महिलाओं को न केवल आत्मरक्षा कौशल प्राप्त होंगे, बल्कि वे अपने अधिकारों और सुरक्षा के प्रति भी सचेत होंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाएं किसी भी परिस्थिति में अपने को सुरक्षित रखने में सक्षम हों।
कार्यशाला का आयोजन
पश्चात, एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बालिकाओं और महिलाओं को महिला फायरमैन सुधांशी, महिला फायरमैन रश्मिस म0कां0 रेखा उप्रेती व म0कां0 नन्दी द्वारा आत्मरक्षा की तकनीकें सिखाई गईं। इस कार्यशाला में महिलाओं को विभिन्न आत्मरक्षा तकनीकों की जानकारी दी गई, जो उन्हें शारीरिक, मानसिक और समाजिक सुरक्षा प्रदान करेंगी। इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल उन्हें शक्ति प्रदान करती हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाती हैं।
साइबर अपराधों की जानकारी
इस कार्यक्रम के दौरान, महिलाओं को साइबर सेल के कर्मियो कां0 चन्दन नागरकोटी व कां0 राजेन्द्र रावत द्वारा साइबर अपराधों के विषय में भी विशेष जानकारी दी गई। आज के डिजिटल युग में, महिलाएं कई प्रकार के साइबर अपराधों का शिकार हो रही हैं, जिससे उन्हें अवगत कराना और जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। साइबर सुरक्षा के टिप्स और तकनीकों को साझा करते हुए, यह सुनिश्चित किया गया कि महिलाएं ऑनलाइन सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का यह कार्यक्रम महिलाओं के empowerment की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। गौरा शक्ति योजना के अंतर्गत यह प्रयास न केवल महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ाने का कार्य करेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करेगा। हमें उम्मीद है कि ऐसे कार्यक्रम आगे भी निरंतर चलते रहेंगे, जिससे समाज में महिलाओं की स्थिति में सुधार हो सके।

