देहरादून। पुरानी पेंशन की बहाली को लेकर सेवानिवृत्त हो चुके या हो रहे कर्मचारियों में बहुत बेचैनी है। पेंशन एक आर्थिक सुरक्षा है, सामाजिक सुरक्षा है, अपने उन कर्मचारियों के लिए जिन्होंने अपने जीवन के एक बेहतर हिस्से को जिसे भाजपा की तत्कालिक केंद्र सरकार ने छीन लिया है। भाजपा के प्रेम में कर्मचारी संगठन भी सशक्त विरोध नहीं कर पा रहे हैं। कांग्रेस ने उस समय भी अपनी आपत्ति जताई थी। हम आज भी महसूस करते हैं कि पुरानी पेंशन योजना बहाल होनी चाहिए, फिर से लागू होनी चाहिए। लेकिन यह प्रश्न अखिल भारतीय है, इस पर निर्णय केंद्र सरकार को ही लेना होगा और सभी राज्यों को केंद्र और राज्य के पारस्परिक सहयोग के बिना यह योजना पुनः लागू करना कठिन है। मगर केंद्र सरकार इस दिशा में कुछ पहल करती हुई दिखाई नहीं दे रही है। हमने तय किया है कि हमारे कर्मचारी भाई जो लोग इस मुहिम को चला रहे हैं, हम उनके साथ खड़े रहेंगे। #कांग्रेस, राज्य में सरकार बनाती है तो एक प्रस्ताव पास कर विधानसभा से हम केंद्र सरकार को भेजेंगे कि आप पुरानी पेंशन की योजना को बहाल करिए, पुनः लागू करिए। दूसरा हमारा निर्णय यह है कि हम राज्य स्तर पर इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं, बिना कोई संवैधानिक व्यवधान के, इस हेतु एक एक्सपर्ट्स की कमेटी बनाएंगे। जिसमें ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करेंगे। तीसरा कदम हमारा यह रहेगा कि गोल्डन कार्ड स्कीम के तहत कर्मचारियों की पेंशन में जो कटौती हो रही है, हम उसको समाप्त करेंगे और किस्तों में उस पैसे को जो उनसे कटौती किया गया है, एक पारस्परिक सहमति चार्ट बनाकर के उसको वापस करेंगे।