देहरादून। उत्तराखंड में इनदिनों पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने लोगों की वाहवाही तो लूटी है. लेकिन अब इन मामलों में उतनी ही फजीहत भी होने लगी है. कोर्ट में आरोपियों को जिस तरह जमानत मिल रही है, उससे पुलिस के होमवर्क पर सवाल खड़े होते दिख रहे हैं. इनमें पहला मामला UKSSSC पेपर लीक से जुड़ा है. जिसके चार आरोपियों को सबूत न होने के वजह से जमानत मिल गई. दूसरा मामला बॉबी कटारिया का है. जिसमें महज 25 हजार के मुचलके पर बॉबी को जमानत मिल गई. मजे की बात ये है कि अब पुलिस इस मामले में धाराएं सामान्य होने का राग भी अलाप रही है। आपराधिक मामलों में पुलिस की भूमिका आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर जितनी अहम होती है उससे ज्यादा महत्वपूर्ण मामले की मजबूत विवेचना रहती है. दरअसल, पुलिस की विवेचना के आधार पर कोर्ट में आरोपी को सजा दिलवाई जा सकती है. लिहाजा भले ही पुलिस गिरफ्तारी को लेकर कितनी तेजी दिखा ले. लेकिन यदि मामले की जांच पर्याप्त सबूतों के अभाव में होती है तो कोर्ट में आरोपी आसानी से कानून के शिकंजे से बाहर निकल जाता है।
आपराधिक मामलों में पुलिस की भूमिका आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर जितनी अहम होती है उससे ज्यादा महत्वपूर्ण मामले की मजबूत विवेचना रहती है. दरअसल, पुलिस की विवेचना के आधार पर कोर्ट में आरोपी को सजा दिलवाई जा सकती है. लिहाजा भले ही पुलिस गिरफ्तारी को लेकर कितनी तेजी दिखा ले. लेकिन यदि मामले की जांच पर्याप्त सबूतों के अभाव में होती है तो कोर्ट में आरोपी आसानी से कानून के शिकंजे से बाहर निकल जाता है.
मजे की बात यह रही कि एक तरफ यूट्यूबर बॉबी कटारिया कोर्ट से जमानत लेकर आसानी से निकल गया तो वहीं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में पेपर लीक मामले को लेकर भी चार आरोपी भी जमानत पर छूट गए. इन दोनों मामलों की चर्चा इसलिए हो रही है. क्योंकि उत्तराखंड ही नहीं बल्कि देशभर में इन मामलों ने खूब सुर्खियां बटोरी. पुलिस ने भी इन मामलों मे कठोर कार्रवाई के बड़े-बड़े दावे किए थे।
साभार उत्तराखण्ड अभी अभी