हरिद्वार। प्रदेश के 119 महाविद्यालयों और पांच राज्य विश्वविद्यालयों में पिछले दो साल से छात्रसंघ के चुनाव नहीं हुए। इस साल चुनाव होने हैं या नहीं इसे लेकर शासन और विभाग के बीच पेच फंसा है। हालांकि विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है कि चुनाव पर सरकार की तरफ से कोई रोक नहीं है। यह विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को तय करना है कि चुनाव होने हैं या नहीं। प्रदेश में कोविड की वजह से वर्ष 2020 और 2021 में छात्रसंघ के चुनाव नहीं हो पाए थे, लेकिन अब जबकि पंचायत चुनाव और इससे पहले विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं, विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र, छात्रसंघ चुनाव को लेकर आंदोलनरत हैं। छात्रों का कहना है कि महाविद्यालयों में सभी कार्यक्रम हो रहे हैं। प्रदेश में कोविड की वजह से वर्ष 2020 और 2021 में छात्रसंघ के चुनाव नहीं हो पाए थे, लेकिन अब जबकि पंचायत चुनाव और इससे पहले विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं, विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र, छात्रसंघ चुनाव को लेकर आंदोलनरत हैं। छात्रों का कहना है कि महाविद्यालयों में सभी कार्यक्रम हो रहे हैं। सितंबर व अक्तूबर में छात्र-संघ चुनाव हो जाने चाहिए थे, लेकिन समय से चुनाव नहीं कराए जा रहे, जबकि विश्वविद्यालयों का कहना है कि उनका राजकीय महाविद्यालयों पर चुनाव को लेकर कोई प्रशासनिक नियंत्रण नहीं है। राज्य सरकार की ओर से चुनाव घोषित किए जाने के बाद ही विश्वविद्यालय अपने परिसर में छात्र संघ चुनाव करा सकेंगे। वहीं शासन का कहना है कि यह नीतिगत मामला है, जो उच्च स्तर से देखा जाएगा।