
हरिद्वार। फर्राटेदार अंग्रेजी, कुमाऊं यूनिवर्सिटी की टॉपर, छात्रा यूनियन वाइस प्रेसिडेंट, डबल एमए करने के बाद भी हरिद्वार की सड़कों में भिक्षावृत्ति कर अपना पेट पालने वाली हंसी प्रहरी अब नहीं रहीं. शुक्रवार को हंसी प्रहरी का देहांत हो गया. हंसी का बीमारी के चलते शुक्रवार को निधन हुआ. शनिवार को समाजसेवी भोला शर्मा ने उनका अंतिम संस्कार किया. हंसी को लावारिसों की तरह अंतिम विदाई दी गई। डेढ़ साल पहले हंसी प्रहरी नाम की ये महिला एकाएक राज्य के लेकर राष्ट्रीय अखबारों की सुर्खियां बन गई थीं. करीब दो साल पहले 18 अक्टूबर 2020 को इस महिला की कहानी दुनिया के सामने आई थी। कई नेताओं ने उन्हें घर दिलाने और नौकरी दिलाने का आश्वासन तो दिया, लेकिन किसी भी नेता ने उसे पूरा नहीं किया. चाहे वह कैबिनेट मंत्री हो या फिर हरिद्वार की मेयर लाख कोशिशों के बाद भी हंसी की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ भोला शर्मा ने बताया कि काफी समय से हंसी की तबीयत खराब थी. डॉक्टर का कहना था कि उनका ब्लड धीरे-धीरे पानी बन रहा है. जिसके बाद 22 दिसंबर को उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. लेकिन 30 दिसंबर की देर रात हंसी ने अंतिम सांस ली।