
देहरादून। विभिन्न मांगों के समाधान के लिए राष्ट्रीय समाज सेवी परिषद उत्तराखण्ड के सदस्य अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री के ओ एस डी को सौंपा ज्ञापन ज्ञापन में कहा है कि उत्तराखण्ड राज्य गठन के 22 वर्ष पूर्ण होने के बाद से ही राज्य के अधिवक्ताओं को इनके हक व अधिकारों सुख सुविधाओं व फन्ड पैकेजों व सरकारी विभागों में विधि अधिकारियों के पदों को सृजित न कर अधिकारों से वंचित रखा है जिसे अधिवक्ता समाज उपेक्षित है। इन सभी मांगों का जल्द समाधान किया जाए अधिवक्ताओं ने अपने मांगों में निम्न बिंदु रखे है
1. राज्य में प्रत्येक अधिवक्ता की सुरक्षा सम्मान व संवर्धन हेतु अधिवक्ता सुरक्षा बिल को (Advocate Protection Bill) लागू किया जाय।
2. नोटरी अधिवक्तागणों के पूर्व बजट में शुल्क वृद्धि का संशोधन करते हुये विधिवत रूप से प्रदेश में बड़े शुल्कों में बजट नोटिफिकेशन जारी किया जाये जो कि पूर्व में कई वर्षों से नहीं हुआ है और लम्बित है।
3. उत्तराखण्ड राज्य में अधिवक्ताओं की बीमा पालिसी राज्य सरकार अधिवक्ताओं के पत्नी व परिजनों व बच्चों की बीमा पालिसी का लाभ दिया जाय।
4. उत्तराखण्ड राज्य में अधिनस्त न्यायालयों व जिला न्यायालयों व उच्च न्यायालयों में प्रयप्ति संख्या में नामिका अधिवक्ता स्टेन्डिंग काउन्सिल, मध्यस्ता अधिवक्ता, अभियोजन अधिकारी डी०जी०पी० रेव्नयु सरकारी अधिवक्ता के नये पदों को सृजित किया जाय ।
5. राज्य के सभी न्यायालयों में होने वाले वादों के निपटारे / लोक अदालतों में अधिवक्ता के माध्यम से हाने वाले वादों के निपटारे में जमा धनराशि को सम्बन्धित अधिवक्ता को 20 प्रतिशत राशि वापस देना सुनिश्चित की जाय। 6. यह कि अधिवक्ताओं के लिए वन टाईम बीमा योजना लगभग दस लाख
की राज्य सरकार द्वारा लागू की जाय 7. यह कि राज्य में अधिवस्ताओं के लिए स्वास्थ्य कार्ड योजना प्रत्येक अस्पताल में लागू की जाय।
उपरोक्त सभी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग अधिवक्ताओं ने की है ज्ञापन एडवोकेट गंगा प्रसाद उपाध्यक्ष राष्ट्रीय समाज सेवी परिषद उत्तराखण्ड के नेतृत्व में दिया गया और जिसमें अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे!