
हल्द्वानी पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक उत्तराखंड के राज्य अध्यक्ष एडवोकेट डा प्रमोद कुमार ने एक बयान जारी कर कहा जो पार्टी हिंदू राष्ट्र की बात करती है उसके मुख्यमंत्री का समान नागरिक संहिता की बात करना हास्यास्पद है,क्योंकि हिंदू धर्म में खुद ही समानता नहीं है जो कि चार वर्णों और हजारों जातियों में बंटा हुआ है,सबसे बड़ी बात यह है कि यहां किसी भी व्यक्ति की पहचान उसकी योग्यता से नहीं बल्कि उसकी जाति और उसके वर्ण से होती है,ऐसी व्यवस्था पर आधारित राष्ट्र के निर्माण का सपना देखने वाले लोगों द्वारा समान नागरिक संहिता की बात करना लोगों को मूर्ख बनाने के सिवा कुछ नहीं है ,उत्तराखंड गठन से अब तक यहां सिर्फ ब्राह्मण ठाकुर,कुमाऊं गढ़वाल,तराई पहाड़ जैसे मुद्दों पर राजनीति के अलावा कुछ नहीं हुआ है ऐसे में समान नागरिक संहिता की बात करना अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए मुद्दा है, विगत कुछ वर्षों में देश और प्रदेश में भ्रष्टाचार,बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर हैं राज्य गठन से अब तक जातीय उत्पीड़न और हत्याओं की घटनाएं अपने चरम पर हैं,तथा दोनों दलों ने बारी बारी से अपने चंद नेताओं,ठेकेदारों,अधिकारियों को बेतहाशा संपति का मालिक बना दिया है वही बहुसंख्यक आबादी गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रही है,ऐसे में ऐसी बातें करना जनता को नए तरीके से मूर्ख बनाने का प्रयास है,समान नागरिक संहिता बिना राज्य के नागरिकों के सामाजिक,शैक्षणिक,आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में बराबरी आए बिना संभव नहीं है जो कि सिर्फ भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से लागू करने से ही संभव हो सकता है।