कैथल (हरियाणा) दिनांक 9 जनवरी 2024 को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 470 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव बलवंत राय धनौरी ने की, बलवंत राय धनौरी ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए विशेष दिन है, आज का दिन हमारे तीन महापुरुषों की यादों को ताजा करता है, बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह का बलिदान दिवस है तो दीनबंधु सर छोटूराम की पुण्यतिथि है और प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका राष्ट्रमाता फातिमा शेख जयंती है और हमारे धरने का 470 वां दिन है,आज हमें कट्टरपंथ से बाहर निकलने का संकल्प लेना चाहिए, वहीं व्यक्तिवाद और परिवारवाद से बाहर निकल कर मानवता के सेवा के लिए कृत संकल्प होना चाहिए। राजा नाहर सिंह ने 31 जुलाई 1857 को मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर को लिखे पत्र में कहा था कि ” यद्यपि मैं हृदय से हिंदू धर्म को मानता हूं, फिर भी मैं मुसलमानों के नेताओं के आदेशों का पालन करता हूं और उस पंथ के अनुयायियों का आज्ञाकारी हूं, मैं किले (बल्लभगढ़)के भीतर एक ऊंची संगमरमर की मस्जिद बनाने तक पहुंच गया हूं, मैंने एक विशाल ईदगाह भी बनाई है।”राजा नाहर सिंह द्वारा लिखे गए पत्र में यह संदेश हमें आज भी हिंदू मुस्लिम की एकता का परिचय देता है और इस मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। राजा नाहर सिंह बल्लभगढ़ रियासत के राजा थे, उन्होंने 1857 के भारतीय विद्रोह में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, आज उनका बलिदान दिवस है, इस दिवस पर हमें इंसानियत और मानवता की सेवा का प्रण लेना चाहिए। जन शिक्षा अधिकार मंच के प्रैस प्रवक्ता सुरेश द्रविड़ ने कहा कि आज दीनबंधु सर छोटूराम की पुण्यतिथि है, आज इस पुण्य तिथि पर हमें दीनबंधु सर छोटूराम के उस संदेश को आचरण और व्यवहार में डालना चाहिए जो उन्होंने कहा था कि “पलवल से पेशावर तक हल की मुट्ठी पर हथेली रखता है और जिसके कुर्ते से मेहनत के पसीने की गंध आती है,वो सब मेरे बेटे हैं।”यही भावना देश के प्रति सच्ची भावना है, क्योंकि यह भावना हमें न्याय की ओर ले जाती है, परिवारवाद, व्यक्तिवाद, सुप्रीमोंवाद से हम देश के नागरिकों के साथ न्याय नहीं कर सकते।हमें सच्चे अर्थों में लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए व्यक्तिवाद सुप्रीमोंवाद, परिवारवाद को न्याय करते समय दरकिनार करना पड़ेगा तभी हमारा देश महान बन सकता है। जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले की सहयोगी फातीमा शेख की आज 192 वीं जयंती है,फातीमा शेख मियां उस्मान शेख की बहन थी, मियां उस्मान शेख ने महात्मा ज्योतिबा फुले को अपने घर में आश्रय दिया था तथा स्कूलों को खोलने में मदद भी की थी। ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले को सहयोग करने वाली फातीमा शेख की जयंती का दिन हमें जाति धर्म भाषा क्षेत्र और सम्प्रदाय से ऊपर उठकर कार्य करने की प्रेरणा देता है और देता रहेगा, उनके द्वारा किए गए त्याग और समर्पण तथा बलिदान को हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे और उनके आदर्शों का देश बनाने का प्रयास करेंगे, आज जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल भी दीनबंधु सर छोटूराम, सावित्रीबाई फुले , फातिमा शेख के दिखाए रास्ते पर कार्य कर रहा है और शिक्षा और स्कूलों को बचाने के लिए संघर्षरत है। धरने पर आज ओमपाल भाल, सुखपाल मलिक, सतबीर प्यौदा, कलीराम, जयपाल, बलवंत रेतवाल, वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, रणधीर ढुंढ़वा, रामनिवास मुवाल, कर्मबीर, रविन्द्र, अशोक आदि भी उपस्थित थे।