कैथल हरियाणा आज दिनांक 21 जनवरी 2024 को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 482 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता बलवंत रेतवाल व बलकार मलिकपुर ने संयुक्त रूप से की, बलवंत रेतवाल ने कहा कि केंद्र सरकार सत्ता का घोर दुरुपयोग कर रही है, भारत सरकार ने एक “कार्यालय ज्ञापन” जारी किया है, जिसमें घोषणा की गई है कि कर्मचारियों को अयोध्या में राम लला प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव में भाग लेने में सक्षम बनाने के लिए” 22 जनवरी को “सभी सरकारी कार्यालय, केंद्रीय संस्थान और औद्योगिक प्रतिष्ठान दोपहर 2.30 बजे तक बंद रहेंगे, यह 2.30 बजे तक कार्यालयों को बंद करना औचित्यहीन है क्योंकि आधे दिन में कोई भी न तो अयोध्या जा सकता है और न ही अयोध्या से आ सकता है ,बताया गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं। यह एक विशुद्ध धार्मिक समारोह में सरकार और राज्य को सीधे तौर पर शामिल करने का एक और कदम है। बलकार मलिकपुर ने कहा कि कर्मचारियों को अपने धार्मिक विश्वास और व्यवहार के संबंध में व्यक्तिगत विकल्प चुनने का अधिकार है लेकिन सरकार के लिए इस तरह का परिपत्र जारी करना अपनी शक्ति का घोर दुरुपयोग है, जन शिक्षा अधिकार मंच ने भी अपनी स्थिति दोहराई है कि सरकार की ऐसी कार्रवाइयां संविधान और सुप्रीम कोर्ट के उन दिशानिर्देशों के खिलाफ हैं जिनके अनुसार राज्य को हर प्रकार के धार्मिक रंग से मुक्त रहना चाहिए, जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा इस प्रकार के व्यवहार से संविधान के मूल उद्देश्यों की अवहेलना हो रही है। बलवंत जाटान ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा प्रदेश में पारा 0.4 डिग्री पर भी जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा लगातार धरना जारी है, प्रदेश में इतना कम तापमान होने पर इन रामदुलारों ने शिक्षा संबंधी मुद्दों की आज तक कोई भी सुध नहीं ली है, इससे पता चलता है कि ये शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं है और मानवीय अधिकारों की इनको जरा भी भी प्रवाह नहीं है, हरियाणा प्रदेश की जनता इनके झांसों में आने वाली नहीं है, जन शिक्षा अधिकार मंच के प्रैस प्रवक्ता सुरेश द्रविड़ ने कहा कि कल धरना स्थल पर संविधान की प्रस्तावना पर चर्चा गोष्ठी आयोजित की जाएगी, इस चर्चा गोष्ठी में संविधान के मूल उद्देश्यों को प्राप्त करने पर गहन मंथन किया जाएगा। धरने पर आज ईश्वर तितरम, सतबीर प्यौदा, रणधीर ढुंढ़वा, वीरभान हाबड़ी, मामचंद खेड़ी सिम्बल, भीम सिंह, मियां सिंह,नफे सिंह रामगढ़, बीरबल सिंह आदि भी उपस्थित थे।