बागेश्वर दिनांक 11 मार्च 2024 को लोक सेवा आयोग उत्तराखंड द्वारा माध्यमिक शिक्षा में प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती परीक्षा हेतु 692 पदों का विज्ञापन जारी किया गया है. इस संबध में दिनांक 12 मार्च 2024 को एससी एसटी शिक्षक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय कुमार टम्टा द्वारा इस विषय पर अपना मत प्रकट करते हुए कहा गया शिक्षक एसोसिएशन पूर्व से ही इन पदों पर पूर्व की भांति शत प्रतिशत विभागीय पदोन्नति की मांग करते आ रहा है. इस संबंध में पूर्व में शिक्षा मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों को लिखित पत्र भी दिए गए थे. इसके बाद भी विभाग में विगत 25-30 वर्षों से पदोन्नति की राह देख रहे शिक्षकों के हितों की अनदेखी करते हुए यह विज्ञापन जारी कर दिया गया है. विभागीय भर्ती की यह प्रक्रिया विभाग में कार्यरत 90 फ़ीसदी शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर करती है. यह मात्र 8-10 फीसदी शिक्षकों में से विभाग में प्रधानाचार्य के कुल पदों में से आधे पदों को लगभग आगामी 10 वर्षों तक भरने की अनुचित बात करती है. इस प्रकार से यह भर्ती वर्षों से विभाग में पदोन्नति की राह देख रहे शिक्षकों के हितों के विपरीत है. इसलिए शिक्षा मंत्री से इस विज्ञापन को निरस्त करने की मांग करते हुए लोकसेवा आयोग से इस आधियाचन को शीघ्र वापस लेते हुए पूर्व की भांति ही विभागीय वरिष्ठता के आधार पर शत-शत पदों को भरे जाने का अनुरोध करते हैं. वक्ताओं द्वारा कहा गया आज प्रदेश में 1384 इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य विहीन है.जिनका सीधा प्रभाव इन स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर पढ़ रहा है.प्रदेश में बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए इन पदों को भरा जाना आवश्यक है. लोक सेवा आयोग उत्तराखंड को परीक्षा सम्पादित कराने में औसतन तीन से पांच साल तक का समय लग रहा है. ऐसे में सरकार का यह तर्क अव्यवहारिक लगता है कि शीघ्र ही विभागीय परीक्षा के माध्यम से इन पदों को भरा जाएगा. इसलिए सरकार वास्तव में गंभीरता से इन विद्यालयों में बेहतर शैक्षिक माहौल बनाने के लिए कार्य करना चाहती है तो शीघ्र ही पूर्व की भांति एल टी और प्रवक्ता पदों से वरिष्ठता के आधार पर प्रधानाध्यापक पदों पर पदोन्नति करते हुए उन्हें पूर्व की भांति पूरी सेवा में एक बार स्थलीकरण का लाभ देते हुए प्रधानाध्यापक पद के वेतनमान पर ही इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य पद का दायित्व दिया जाना चाहिए. साथ ही सरकार का तर्क है शिक्षकों की विभागीय वरिष्ठता के मामले न्यायालय में होने के कारण पदोन्नतियां नही की जा सकती हैं. इस मामले सरकार चाहे तो छात्र हित व प्रदेश की शिक्षा व्यस्था के बेहतरी के लिए एल टी व प्रवक्ता पदों से वर्तमान में निर्धारित वरिष्ठता के आधार पर अस्थाई तौर औबंधिक पदोन्नतियां प्रदान कर सकती हैं. इस व्यस्था से शीघ्र ही इंटर कालेजों में प्रधानाचार्य के पदों को भरा जा सकता हैं. विदित है प्रदेश में कई वर्षों से हाई स्कूल और इंटर कॉलेज में प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाचार्य के पद लंबे समय से रिक्त होने के कारण प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है.जो शिक्षक इन पदों पर प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं उनका भी विषय प्रभावित हो रहा है वह प्रशासनिक कार्यों की अधिकता के कारण अपने विषय पर पूरा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं.इन सब कारणों के चलते इस प्रदेश के छात्रों को इसका सर्वाधिक नुकसान हो रहा है.अतएव सरकार से हमारा अनुरोध है कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की बेहतरी के साथ ही छात्र व शिक्षक हित में लोकसेवा आयोग के विज्ञापन/अधियाचन को वापस लेते हुए प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पदों को पूर्व की भांति विभागीय भर्ती परीक्षा के माध्यम से भरने की कृपा करें!