देहरादून उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आज 692 प्रधानाचार्य पदों की विज्ञप्ति जारी की गई है। इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड एससी एसटी एम्पलाइज फैडरेशन के प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व प्रांतीय महामंत्री डाॅ. जितेंद्र सिंह बुटोइया ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसमें एल टी संवर्ग को प्रतिनिधित्व का अवसर नहीं दिया गया है, जबकि यह पद राजपत्रित पद है। एक विशेष वर्ग को ही प्राथमिकता देकर अन्य वर्गों की अपेक्षा करना यह कहां का सामाजिक न्याय है। इसी के साथ-साथ जब दिव्यांग के लिए चार प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जा सकती है तो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग को क्यों छोड़ा गया है, यह समझ से परे है। इससे ऐसा प्रतीत होता है की एक विशेष शासन करने वाले लोग अपने अधीनस्थ लोगों को सामाजिक न्याय के सिद्धांत से नहीं बल्कि अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं। इसके क्या परिणाम होंगे इसकी उनको बिल्कुल भी चिंता नहीं है, भविष्य में इसका नुकसान उठाने के लिए भी तैयार रहना होगा। शिक्षकों में बहुत अधिक आक्रोश है इसके दूरगामी परिणाम होंगे रणनीति तय कर आचार संहिता के पश्चात इस परीक्षा को असफल करने का पूरा प्रयास किया जाएगा और यह परीक्षा आयोजित ही नहीं होने दी जाएगी।