रूद्रप्रयाग होशले की तरकश में कोशिशों का तीर जिंदा रख सब हार जा जीवन में पर एक बार जितने की उम्मीद जिंदा रख! सपना का असिस्टेंट प्रोफेसर हिन्दी के लिए चयन हुआ है! सपना मूलत उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले की निवासी है। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गांव राजकीय इंटर कॉलेज कमसाल से प्राप्त की है, इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी से सन राजकीय इंटर कॉलेज मणिगुहा से प्राप्त की है। सपना की माता शिवदेई देवी एक ग्रहणी है, उनके पिता स्वर्गीय श्री मुरारी लाल आर्य का 2018 में आकस्मिक निधन हो गया था। आगे की शिक्षा उनकी माता ने उन्हें अपनी मेहनत से पूरी करायी है। उनकी छोटी बहन संध्या आर्य मेडिकल कोर्स कर रहीं है, और सबसे छोटा भाई प्रियांशु आर्य स्नातक कर रहा है। सपना ने राजकीय महाविद्यालय अगस्त्यमुनि( रुद्रप्रयाग) से स्नातक एंव स्नातकोत्तर की परीक्षा 2020 में उत्तीर्ण की साथ ही अपनी कड़ी मेहनत और लगन से 2020 में ही नेट JRf राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा अपने पहले प्रयास में ही उत्तीर्ण कर दी थी। 2024 में उन्होंने SET (सेट) राज्य पात्रता परीक्षा की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। वर्तमान समय में वह सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा से डॉ तेजपाल सिंह के निर्देशन में अपना शोध कार्य कर रही है। हाल ही में लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा असिस्टेंट प्रोफेसर( हिंदी विषय) में उन्होंने तीसरी रेंक प्राप्त की है। वह अपने गांव की पहली अभ्यर्थी है, जो आगे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कार्य सेवा देंगी। जिसके कारण उनके परिवार एंव सम्पूर्ण क्षेत्र में खुशी का माहौल है। सपना के असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर चयन होने पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय परिसर में कार्यरत उनके शोध निर्देशक डॉ तेजपाल सिंह ,सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शोध निर्देशक व कलासंकायध्यक्ष प्रो जगत सिंह बिष्ट सर, हिन्दी विभाग में कार्यरत एसोसिएट डॉ प्रीति आर्य, डॉ गीता खोलिया, डॉ बच्चन लाल, डॉ ममता पन्त, डॉ प्रतिमा, डॉ आशा शैली, ने भी उन्हें बधाईयाँ देते हुए उनको भावी भविष्य के लिए शुभकामनाएँ प्रेषित की है। सपना ने अपनी सफ़लता का श्रेय अपने माता- पिता, गुरूजनों, और अपने सहयोगी साथियों को दिया है ,जिसमें डॉ बबीता आर्य (असिस्टेंट प्रोफेसर हिमाचल) डॉ भावना (असिस्टेंट प्रोफेसर सोमेश्वर) डॉ निधि झाबड़ा, (असिस्टेंट प्रोफेसर अगस्त्यमुनि) सहपाठी विनीत कांडपाल, ऋषिकेश राय, नेहा नगरकोटी, सौरभ पडियार, अनीता दानू हिमानी बिष्ट, प्रेमा गड़कोटी, अपने प्रिय मित्रों के सहयोग एंव अपने कठिन परिश्रम को दिया है।