अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय एवं नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज, पिथौरागढ़ के बीच एमओयू हस्ताक्षर हो गए हैं। दोनों संस्थाओं के बीच हुए इस एमओयू के होने से दोनों संस्थानों के बीच शोध कार्य किये जायेंगे। इसके साथ फैकल्टी और जन संसाधन का आदान-प्रदान होगा। शोधार्थी, अकादेमिक सदस्य एवं विद्यार्थियों को प्रयोगशाला की सुविधा, प्रशिक्षण कार्यक्रम, कॉन्फ्रेंस, सेमिनार के आयोजन,शोध पत्रों के प्रकाशन, शोध निर्देशन, फील्ड प्रोजेक्ट एवं इंटर्नशिप की सुविधा मिलेगी। शोध एवं शिक्षा के आदान-प्रदान किये जायेंगे। इंजीनियरिंग, कैमिकल इंजीनियरिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग,भारी धातुओं के जैवअवशोषण और अधिशोषण से संबंधित अनुसंधान गतिविधियाँ। जल रसायन विज्ञान और जल-भू रसायन विज्ञान, पर्यावरण अभियांत्रिकी, सौर भौतिकी और तारों का गायन, विभेदक ज्यामिति, उप मैनिफोल्ड और हाइपर सरफेस, फजी लॉजिक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और उन्नत आईओटी आधारित अनुसंधान, क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा विश्लेषण, बुनियादी विज्ञान और इंजीनियरिंग से संबंधित अन्य विषय में मिलकर कार्य होंगे। एमओयू को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट ने प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि दोनों ही संस्थानों के बीच अब सेमिनार, संगोष्ठी और व्याख्यानों का आयोजन होगा। अकादेमिक सदस्य, विद्यार्थी और शोधार्थी और उनमें भागीदारी कर सकेंगे। भविष्य में शोध एवं अकादेमिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। इस एमओयू में विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट और नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज, पिथौरागढ़ की ओर से निदेशक प्रोफेसर अजित सिंह ने हस्ताक्षर किए। साथ ही इस एमओयू में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट और सीमांत इंजीनियरिंग कॉलेज के कुलसचिव लेफ्टिनेंट (डॉ) हेमंत कुमार साक्षी रहे। इस अवसर पर IQAC के निदेशक प्रो सुशील कुमार जोशी, मीडिया प्रभारी डॉ ललित जोशी, वैयक्तिक सहायक विपिन जोशी एवं गोविंद मेर उपस्थित रहे।

