
नई दिल्ली वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नई कर व्यवस्था का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत आयकर छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। 2020 में 2.5 लाख रुपये से शुरू होने वाले 6 आय स्लैब के साथ नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में नई कर व्यवस्था में आयकर सीमा में 7 लाख तक की छूट की घोषणा की। उसने स्लैबों की संख्या भी घटाकर 5 कर दी, जो इस प्रकार होंगे:
0-3 लाख शून्य
3-6 लाख – 5%
6-9 लाख – 10%
9-12 लाख – 15%
12-15 लाख – 20%
15 लाख से ऊपर – 30%
बड़े अर्जक के लिए उच्चतम प्रभावी कर की दर 42.7 प्रतिशत से घटाकर 39 प्रतिशत कर दी गई है। वित्त मंत्री ने एक्सचेंजों को खुश करते हुए एलटीसीजी में कोई बदलाव नहीं किया।बजट में क्या मिलेगा सस्ता और क्या हुआ महंगा :
आम बजट 2023-24 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। इस बार सराकर ने कई आम चीजों में छूट दिए जाने की घोषणा की है। वहीं सोना-चांदी और प्लेटिनम महंगा किए जाने का भी ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में किया है।
आम बजट 2023-24 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। इस बजट में आम जनता की जेब पर काफी असर पड़ा है। इस बजट में सरकार ने कई बड़े ऐलान किए है। इसमें टैक्स स्लैब में भी बड़े ऐलान हुए है। इसमें सराकर ने पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म कर नया टैक्स स्लैब लाया है। इसके अलावा कई सामानों पर टैक्स को कम किया गया है। वहीं कुछ जीचें महंगी भी हुई है। आइए जानते हैं किन चीजों को खरीदने पर अधिक पैसे खर्च होंगे और कहां पैसों की बचत हो सकेगी।
ये हुआ सस्ता _
मोबाइल फोन कैमरे के लेंस हुए सस्ते एलईडी टीवी बायोगैस से जुड़ी चीजें सस्ती टीवी के पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी घटी ई-कार, खिलौने, साइकि
ये हुआ महंगा_
सोना-चांदी और प्लेटिनम महंगा होगा। इन धातुओं से बनी इंपोर्टेड ज्वेलरी अब महंगे दामों पर मिलेगी। सिगरेट महंगी होगी, ड्यूटी बढ़ाकर 16 परसेंट की गई। सिगरेट पर आपदा संबंधी ड्यूटी बढ़ाई गई है।
इनकम टैक्स में नई छूट का फायदा इन्हें नहीं मिलेगा :
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम संपूर्ण बजट पेश किया, निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यह अमृतकाल का पहला बजट है. बजट के दौरान वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है.. आयकर छूट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है। वहीं, सालाना कमाई के अनुसार भी कर की दरों में बदलाव कर दिया गया है हालांकि, यह बदलाव नई टैक्स व्यवस्था में किया गया है यानी जो लोग नई कर व्यवस्था को चुनेंगे, बस उन्हें ही ये छूट मिलेगी, जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत डिडक्शन क्लेम करते हैं, उन्हें 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा ।मालूम हो कि नई टैक्स व्यवस्था को केंद्र सरकार ने एक अप्रैल, 2020 को लागू किया था. नई टैक्स व्यवस्था में नए टैक्स स्लैब बनाए गए थे लेकिन इनकम टैक्स में मिलने वाले सारे डिडक्शन और छूट खत्म कर दिए थे, सरकार 2020 में जो नई टैक्स व्यवस्था लाई थी, उसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन, एचआरए और एलटीए जैसी सारी टैक्स छूट खत्म कर दी थी। इसके अलावा 80 सी के तहत ईपीएफ, एलआईपी, स्कूल फीस, पीपीएफ, होम लोन री पेमेंट, ईएलएसएस में मिलने वाली टैक्स छूट भी नहीं मिलती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 7 करोड़ टैक्सपेयर्स में से सिर्फ 5 लाख लोगों ने ही नई टैक्स व्यवस्था को चुना था. लेकिन अब टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद शायद इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. जो लोग पीपीएफ, एनपीएस जैसी स्कीमों में निवेश नहीं करना चाहते हैं और तमाम डिडक्शन क्लेम नहीं करना चाहते हैं, उनके लिए भी नया टैक्स सिस्टम ज्यादा बेहतर है।
2020 में आई नई टैक्स व्यवस्था में सात इनकम स्लैब्स बनाए गए थे, जिसके अनुसार, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख तक है, उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ता है. जिनकी आय 2.5 लाख से 5 लाख है, उन्हें 5 फीसदी और जिनकी सालाना आय 5 लाख से 7.5 लाख है, उन्हें 10 फीसदी टैक्स देना होता है. जबकि 7.5 से 10 लाख तक की सालाना आय पर 15 फीसदी इनकम टैक्स देना पड़ता है। 10 लाख से 12.5 लाख सालाना कमाई पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख सालाना कमाई पर 25 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता हैंनए बदलाव पर क्या बोले एक्सपर्ट्स :
पीएम मोदी सरकार के टैक्स स्लैब में बदलाव के ऐलान को इंडिया टुडे ग्रुप एडिटोरियल एडवाइजर रोहित सरन ने फायदा पहुंचाने वाला बताया हालांकि, रोहित सरन ने कहा कि यह ऐलान उन्हीं लोगों के लिए फायदेमंद है, जो नई टैक्स प्रणाली से आयकर भर रहे हैं, उन्होंने बताया कि इस नई टैक्स प्रणाली में लोगों को कम टैक्स ना पड़ता है लेकिन उसके लिए कई तरह की बाकी छूट छोड़नी पड़ती है।
रोहित सरन ने कहा कि केंद्र सरकार दो टैक्स प्रणाली को चालू रखना काफी कन्फ्यूजन वाला फैसला है। रोहित सरन ने आगे कहा कि केंद्र सरकार पिछली टैक्स प्रणाली को बंद करना चाहती है और खास बात है कि ऐसा वह नई टैक्स प्रणाली में छूट के ऐलान के साथ करना चाह रही है. लेकिन इसक असर नहीं दिख रहा है। वहीं केंद्र सरकार के इस ऐलान पर Know The Pulse और Koobera Group के सीईओ डॉ. रवि कुमार ने कहा कि टैक्स स्लैब में इस बदलाव का इंतजार हर कोई कर रहा था। इसका फायदा आम आदमी होगा. उन्होंने आगे कहा कि 7 लाख तक इनकम टैक्स फ्री होना काफी अच्छी बात है, वहीं अधिकतर स्लैब में बदलाव हुआ है, जो भी एक अच्छी खबर है।