
सतना (मध्यप्रदेश) मूलनिवासी संघ का त्रिस्तरीय राष्ट्रीय अधिवेशन जो मध्यप्रदेश के सतना मैं चल रहा है उसका आज आखिरी दिन पहले मूलनिवासी संसद सत्र से शुरू हुआ इसमें वक्ताओं ने बताया कि जब भारत लोकतंत्र को नहीं जानता था ऐसा भी वक्त था जब भारत में राजतंत्र भी गणतंत्र से सजा हुआ था ऐसा नहीं है कि भारत संसद या संसदीय प्रक्रिया से वाकिफ नहीं था बुद्धिस्ट भिक्षु संघ का अध्ययन बताता है कि यहां सिर्फ संसद ही नहीं थी बल्कि संघ संसद सम्मान था और संघ संसदीय प्रक्रियाओं के नियमों का पालन करता था जो आधुनिक समय में भी जाना जाता है भिखु संघ की संसदीय कार्य प्रणाली व्यवस्था हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है किंतु मूल निवासियों के साथ-साथ इस देश ने अपनी स्वतंत्रता लोकतांत्रिक व्यवस्था और व्यवहारिक रूप से लोकतांत्रिक चरित्र को खो दिया है सत्र का संचालन मूल निवासी बाबूलाल कबीरपंथी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मूलनिवासी संघ प्रस्तावना मूलनिवासी सोनाली राष्ट्रीय संगठन सचिव मूलनिवासी संघ प्रतिभागी अधिवेशन में उपस्थित सभी सदस्य सभापति मूलनिवासी डॉ आनंद कुमार राष्ट्रीय मीडिया सचिव मूलनिवासी संघ आदि लोग शामिल थे उसके बाद दूसरा सत्र मूलनिवासी जन आंदोलन चला जिसमें लोगों को बताया गया कि वर्तमान सरकार संविधान के दिशा निर्देशों को दरकिनार करते हुए विशेष व्यक्ति को लाभ देने वाली नीतियां निरंतर लागू कर रही है जो कि देश के नागरिकों तथा राष्ट्र निर्माण के नाम पर धोखा है सरकार के निजी करण नीति देश के सार्वजनिक संपदा को पूजी पतियों के हाथ में संचालन के लिए गिरवी रखने का षड्यंत्र है इस सत्र का संचालन मूलनिवासी जीवन नाथ राम संगठन सचिव मूलनिवासी संघ बिहार प्रस्तावना मूलनिवासी कुलविंदर लाल राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मूलनिवासी संघ वक्ता गण जितेंद्र कुमार चंद्रवंशी अधिवक्ता सिविल कोर्ट गढ़वा मूलनिवासी एस एस धममी राष्ट्रीय प्रवक्ता पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक मूलनिवासी जिले सिंह सबरवाल कोषाध्यक्ष मूलनिवासी संघ हरियाणा मूल निवासी मनसाद अहमद सदस्य मूलनिवासी संघ उत्तर प्रदेश बुलंदशहर,बामसेफ के राष्ट्रीय संगठन सचिव सुरेश द्रविड़ , अध्यक्षता मूलनिवासी बी एल पंचे राष्ट्रीय संगठन सचिव मूलनिवासी संघ द्वारा की गई।