कैथल (हरियाणा) आज दिनांक 10/12/2023 को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा आज 10 दिसंबर को जिला सचिवालय कैथल में धरना जारी रहा, धरने की अध्यक्षता सर्व कर्मचारी संघ के जिला महासचिव रामपाल शर्मा ने की, धरने का आज 440 वां दिन है, धरने की अध्यक्षता करते हुए रामपाल शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन जन शिक्षा अधिकार मंच की मांगों पर तुरंत ध्यान दें,जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा उठाई गई मांगें जनहित और देशहित में है। चिराग योजना में बहुत सारी कमियां हैं,इन कमियों के चलते न तो यह योजना लम्बे समय तक चल पाएगी और चल भी पाई तो आम आदमी के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होगी, हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए। बहुजन स्टूडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य रोहतास मेहरा,अमन कुतुबपुर, गुरदेव बड़सिकरी ने पिंजूपूरा,चौशाला,जुलानी खेड़ा,बड़सिकरी तथा कलायत का दौरा किया, इस दौरान गांवों में अनेक बैठकें की गई और इन बैठकों में चिराग योजना के दुष्परिणामों के बारे में बताया गया तथा जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा चिराग योजना तथा नई शिक्षा नीति के विरोध में छपवाया गया पर्चा भी बांटा गया, पर्चा बांटकर लोगों को आंदोलन की जानकारी दी गई, रोहतास मेहरा ने इन बैठकों के दौरान कहा कि हरियाणा सरकार शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ पर दर्ज एफआईआर को तुरंत रद्द करे अन्यथा आने वाले समय में यह आंदोलन बहुत बड़ा और व्यापक रूप धारण कर लेगा और इसके लिए हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा।हरियाणा सरकार चिराग योजना को वापिस ले या फिर इसमें व्यापक सुधार करते हुए गारंटीशुदा बना कर इसको लागू करें, वैसे यह योजना जनहित में नहीं है और भेदभाव पर भी आधारित है, इसका विरोध करने पर शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ को निशाना बनाना उचित नहीं है, शिक्षक नेता सुरेश द्रविड़ ने निजीकरण का विरोध किया था, तथा संविधान के पक्ष बोला था, जिसके लिए पहले तो सुरेश द्रविड़ को निलम्बित कर दिया गया, फिर सामाजिक संगठनों के दबाव के चलते जांच लम्बित बहाल किया गया और बाद में उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया गया जो कि बेहद निंदनीय है। धरने पर आज हजूर सिंह,भीम सिंह तितरम, बलवंत रेतवाल, कलीराम प्यौदा, सतबीर, बलवंत जाटान,रामशरण राविश, मामचंद खेड़ी सिम्बल, वीरभान हाबड़ी, रामकली जांगड़ा, बलबीर सिंह, शमशेर कालिया, सुरेश द्रविड़, अमरनाथ किठानिया, अशोक वर्मा, जोगेंद्र कश्यप, रणधीर ढुंढ़वा आदि भी उपस्थित थे।