देहरादून। उत्तराखंड लगातार तीसरे साल बुजुर्गों के रहने के लिए सुरक्षित राज्य बना है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हाल ही में जारी हुए आंकड़े इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं। देवभूमि में बुजुर्गों के खिलाफ अपराधों में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है। वहीं बच्चों के खिलाफ अपराधों में भी बीते सालों के मुकाबले कमी आई है। महिलाओं के खिलाफ अपराध 2020 में पिछले सालों के मुताबिक बढ़ गया है। देशभर में वरिष्ठ नागरिकों के साथ हुए अपराध के आंकड़ों पर नजर डालें तो कई राज्यों में चिंताजनक हालात बने हुए हैं। देश में सबसे ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों के साथ अपराध की बात करें तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक (4909) मामले दर्ज किए गए। मध्य प्रदेश में 4602 मामलों के साथ दूसरे और गुजरात 2785 मामलों के साथ तीसरे स्थान पर है।वरिष्ठ नागरिकों के साथ सबसे कम अपराध के हिसाब से देखें तो पहाड़ी राज्यों ने बाजी मार ली है।पिछले साल मणिपुर में सात, असम में छह, झारखंड में दो, मेघालय में तीन, सिक्किम में दो और उत्तराखंड में चार मामले दर्ज किए गए। बच्चों के अपराध में भी देवभूमि में बीते वर्ष कमी देखने को मिली है। चलिए एक बार एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में बीते वर्षों में हुए अपराधों की ओर नजर डालते हैं। महिलाओं के साथ हुए अपराध की बात करें तो 2018 में 2817 केस दर्ज हुए जो घट कर 2019 में 2541 हो गए मगर बीते वर्ष 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़कर 2846 हो गए। वरिष्ठ नागरिकों के साथ अपराध की बात करें तो 2018 और 2019 में 6-6 मुकदमे दर्ज हुए जो 2020 में घटकर 4 हो गए। बच्चों के साथ अपराध की बात करें तो 2018 में 1306 केस दर्ज हुए जो घटकर 2019 में 1214 रह गए। वहीं 2020 में इनमें और अधिक गिरावट हुई और 1066 मामले दर्ज किए गए।
साभार- राज्य समीक्षा