बागेश्वर उत्तराखण्ड में विगत कुछ वर्षों से लगातार विभिन्न विभागों में हजारों पदों पर विज्ञप्तियां जारी हुई है! इन विज्ञप्तियां में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति पिछड़ा वर्ग समाज को संविधान प्रदत्त आरक्षण से कम पद आवंटित किये जा रहे है। इसके संबंध में आज दिनांक 21 फरवरी 2024 को शिल्पकार सभा खरेही की ओर से प्रदेश के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को विज्ञापन प्रेषित किया गया। और अनुसूचित जाति जन जाति पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को संविधान प्रदत्त आरक्षण देने की मांग की गई है! ज्ञापन में कहा है कि 11 सितंबर 2019 को जारी शासनादेश संख्या 276/xxx (2) / 2019-53 (01)/2001 के द्वारा राज्याधीन सेवाओं, शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक उद्योगों, निगम, स्वायत्तसाशी संस्थाओं के अंतर्गत सीधी भर्ती हेतु रोस्टर निर्धारित किया गया था. तब से उत्तराखंड लोक सेवा आयोग, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग आदि भर्ती अभिकरणों के द्वारा सीधी भर्ती हेतु दर्जनों विज्ञापन जारी किए गए है! इन विज्ञापनों में एससी, एसटी, ओबीसी वर्ग के लिए पदों का आवंटन संविधान द्वारा निर्धारित कोटे से न्यूनतम अथवा नगण्य प्रदान किया जा रहा है. इस बीच लगातार इस प्रकार के दर्जनों विज्ञापनों से इन वर्गों के लिए राज्याधीन सेवाओं में जाने के अवसर समाप्त होते जा रहे हैं! जिससे इस वर्ग के लोगों में गहरी कुंठा व निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है. इस अवधि में ऐसे दर्जनों विज्ञापन निकाले गए हैं जिसमें एससी एसटी ओबीसी वर्गों को तय संवैधानिक आरक्षण से न्यूनतम अथवा नगण्य पद प्रदान किया जा रहे हैं! दूसरी ओर मात्र 4 वर्ष पूर्व ही लागू हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को उसके तय कोटा 10% से दोगुना व अधिक पद प्रदान किये जा रहे हैं! जबकि रोस्टर नीति 19 मार्च 2020 के शासनादेश के अनुसार ईडब्लूएस एस के कोटे की गणनाआरक्षण की व्यवस्था लागू
होने की तिथि से लागू किया जाना था! ऐसी स्थिति में वह 10% से अधिक नहीं हो सकता है जबकि इस बीच ऐसी दर्जनों विज्ञप्तियां आई हैं जिसमें ईडब्लूएस को निर्धारित 10% से भी अधिक कोटा दिया जा रहा है! इसका सीधा नुकसान अन्य आरक्षित वर्गों को हो रहा है! ज्ञापन देने वालों में शिल्पकार सभा खरेही के महामंत्री दीप प्रकाश, कोषाध्यक्ष सुनील कुमार टम्टा, राजेन्द्र प्रसाद, संजय टम्टा, नंद किशोर टम्टा उपस्थित रहे!