चमोली। 03 अक्टूबर 2021 को मूलनिवासी कर्मचारी कल्याण महासंघ इकाई- चमोली उत्तराखण्ड का अनुसूचित जाति जनजाति के कार्मिकों की पदोन्नति में बहाली हेतु, नियुक्ति में आरक्षण एक्ट बनने व पदोन्नति में ओबीसी को भी पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए के सन्दर्भ में राज्य अध्यक्ष जंगी रडवाल की अध्यक्षता में सम्मेलन सम्पन्न किया गया। सम्मेलन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सेवा निवृत्त सहायक कृषि अधिकारी देवेन्द्र सिंह गुंसाईं व सेवा निवृत्त बैंक प्रबन्धक लखपत सिंह रावत, सेवा निवृत्त मुख्य विकास अधिकारी दलीप चन्द्र आर्य, सेवा निवृत्त तहसीलदार जी. डी. हिन्दवाल, सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य नरेंद्र लाल जी, अब्दुल खालिद जी विशिष्ट अतिथि रहे।
मूलनिवासी कर्मचारी कल्याण महासंघ उत्तराखण्ड के राज्य अध्यक्ष जंगी रडवाल ने कहा कि, संविधान लागू होने के बाद से 2012 तक अनुसूचित जाति जनजाति के कार्मिकों को पदोन्नति में आरक्षण का लाभ मिलता रहा है! फिर भी पूर्व में मा0 इन्दु कुमार पान्डेय व ईरशाद आयोग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड में अनुसूचित जाति का मात्र 11 प्रतिशत व अनुसूचित जनजाति का 02 प्रतिशत प्रतिनिधित्व ही भरा गया है! तथा दूसरी तरफ निदेशक पद व संयुक्त सचिव के उपर के पद जहाँ पर हर वर्ग के अधिकारों के लिए नीति बनती है, वहाँ पर प्रतिनिधित्व लगभग नगण्य है! ऐसे में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति के राज्य की सेवाओं में प्रतिनिधित्व जाने बिना पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिसके क्रम में महासंघ उत्तराखण्ड सरकार से इन्दु कुमार एवं ईरशाद आयोग की रिपोर्ट के आधार पर पदोन्नति में आरक्षण की बहाली की मांग करता है! जिला अध्यक्ष चमोली महेंद्र शैलानी ने कहा कि दूसरी तरफ नियुक्ति में आरक्षण का एक्ट न होने के कारण राज्य की सरकार ठेकेदारी में रमसा, उपनल आउटसोर्सिंग के माध्यम से आरक्षण के नियमों को ताक पर रखते हुए नियुक्तयां कर रहा है, जिसको रोकने के लिए महासंघ महामहिम राज्यपाल उत्तराखण्ड से नियुक्ति में आरक्षण के कानून बनाने की मांग करता है।
महासंघ की इस बैठक में वक्ताओं ने इस बात पर भी जोर दिया है कि जब अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग व ओबीसी वर्ग को भी नियुक्ति में आरक्षण सामाजिक व शैक्षिक पिछड़े पन के आधार पर दिया जाता है तो, अनुसूचित जाति जनजाति की तरह ही ओबीसी को भी पदोन्नति में आरक्षण का कानून बनना चाहिए! राज्य अध्यक्ष जंगी रडवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के समस्त जिलों में भी इसी प्रकार का सम्मेलन लगाया जाएगा व ओबीसी के बीच जाकर भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहने के लिए जागरूकता अभियान के साथ साथ राज्य स्तरीकरण सम्मेलन भी किया जाएगा! सम्मेलन बैठक में अनुसूचित जाति जनजाति शिक्षक एशोसिएशन, सेवास्तम्भ, पर्वतीय शिल्पकार कल्याण सभा, मूलनिवासी संघ के पदाधिकारियों के साथ साथ सदस्यों ने भी प्रतिभाग किया! जिनमें गिरीश आर्य, पी0एल0 बैछवाल, राकेश टम्टा, हरीश टम्टा, रोमेश शाह, दिनेश शाह, कैलाश चन्द्रवाल, गरिमा कन्याल, मीना भिलंंगवाल, मीना आगरी प्रभु दयाल, देवेन्द्र अग्निहोत्री, विनय कोहली, विजेंद्र शर्मा, धनी आगरी, सुनील मुन्याल, हीरा आर्य जसपाल सेठवाल, माखन पलेठा, अन्जू अग्निहोत्री, पुष्पा कोहली, पुष्कर कोहली, रघुवीर खनेडा आदि उपस्थित रहे।