देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग ने बेसिक शिक्षा भर्ती में अभ्यर्थियों को एक बड़ी राहत दे दी है। लगातार अभ्यर्थियों द्वारा मांग की जा रही कि बेसिक शिक्षा भर्ती में आवेदन करने के लिए स्नातक में 50 प्रतिशत अंक वाला नियम हटाया जाए। आखिरकार अब फीसदी अंक लाने वाला क्राइटेरिया हट चुका है। जी हां, जिन भी अभ्यर्थियों के स्नातक में 50 फीसदी से कम हैं अब वह भी बेसिक शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकेंगे। हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के मध्य नजर विभाग ने इस बात की अनुमति दे दी है। विभिन्न याचिकाओं में शामिल सभी बेरोजगारों को इसका लाभ मिलेगा। बेसिक शिक्षा निदेशक रामकृष्ण उनियाल ने इस बाबत सभी डीईओ बेसिक को आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा है कि याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों ने जिन जिन जिलों में आवेदन किया है उनको चयन प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाए। स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक वाले बेरोजगार भी बेसिक शिक्षक भर्ती में शामिल हो सकेंगे। हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने इसकी अनुमति दे दी। विभिन्न याचिकाओं में शामिल सभी बेरोजगारों को इसका लाभ मिलेगा।रामकृष्ण उनियाल ने कहा कि याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों ने जिस-जिस जिले में आवेदन किया है, उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाए। यदि हाईकोर्ट के आदेश के इंतजार में 50 प्रतिशत से कम अंक वालों पर निर्णय नहीं लिया जाता तो बड़ी संख्या में बेरोजगारों के हाथ से नौकरी का एक अवसर छिन जाता। नियमानुसार राजकीय प्रारंभिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा संशोधित नियमावली 2019 में शिक्षक की पात्रता के मानक तय हैं। इसके अनुसार बीएड टीईटी कैटेगरी में नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी को 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक पास होना अनिवार्य है।वर्तमान शिक्षक भर्ती में डीएलएड प्रशिक्षितों की नियुक्ति के बाद बचने वाले पदों पर बीएड टीईटी प्रशिक्षितों का चयन किया जाना है। पर इस श्रेणी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनके स्नातक में 50 फीसदी अंक नहीं हैं। कई लोग 49 प्रतिशत पर आकर रुक गए हैं। ऐसे में शिक्षा विभाग का यह फैसला स्नातक में 50 प्रतिशत से कम स्कोर करने वालों के लिए राहत भरा है।
साभार – राज्य समीक्षा