अल्मोड़ा आज दिनांक 02 दिसम्बर 2025 को प्रभागीय वनाधिकारी दीपक सिंह ने बताया कि मुख्य वन संरक्षक कुमाऊ, उत्तराखण्ड नैनीताल के निर्देशों के क्रम में वनाग्नि काल के निवारण के उपचारात्मक उपाय के रूप में वार्षिक नियंत्रण फुकान की कार्यवाही की जानी है। उन्होंने समस्त वनक्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिये है कि समस्त वन क्षेत्रों में कार्य योजना के अनुसार आरक्षित वन क्षेत्र में नियंत्रित फुकान कार्य फिल्ड कर्मचारियों की उपस्थिति में पाया जाना सुनिश्चित किया जायेगा। मोटर मार्ग के किनारे नियंत्रित दाहन करते समय पीरूल एकत्रीकरण करते हुए दाहन कार्य प्रारम्भ करने के पश्चात् सूर्य की रोशनी में ही आग बुझाना सुनिश्चित करेंगे जिससे रात में वनाग्नि की घटना न हो पाये व वन्यजीवों को कोई हानि न पहुॅचें। नियंत्रित दाहन की दैनिक सूचना मास्टर कंट्रोल रूम को फोटोग्राफ के साथ उपलब्ध करायी जानी अति आवश्यक है। फुकान किये जाने हेतु रंेज स्तर से पृथक-पृथक टीमों का गठन करते हुए टीम लीडर नामित किया जायेगा एवं क्षेत्र के फुकान की तिथि का भी उल्लेख किया जायेगा। उन्होंने समस्त वनक्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिये है कि स्थानीय ग्रामीणों व जन प्रतिनिधियों को इस तथ्य की भली-भॉति जानकारी होनी आवश्यक है। यदि एकान्तर/द्विवार्षिक फुकान के सम्बन्ध में एफ0एस0आई0 के माध्यम से कोई फायर अलर्ट प्राप्त होता है तो उसकी एक्शन टेकन रिर्पोट में तत्काल तथ्यों की पुष्टि करते हुए रिर्पोट मास्टर कंट्रोल रूम को अवश्य प्रेषित की जाय। नियंत्रित दाहन का कार्य वनाग्नि काल प्रारम्भ होने पूर्व अर्थात 15 फरवरी से पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाय। नियंत्रित दाहन किये जाने से पूर्व आस-पास के ग्रामवासियों को सूचित कर दिया जाय व नियंत्रित दाहन में किसी प्रकार की अनियंत्रित दाहन होने की स्थिति में स्थानीय ग्रामवासियों का सहयोग लिया जाय। नियंत्रित दाहन करते समय यह ध्यान रखा जाय कि टीम पूरे समय मौके पर ही उपस्थित रहें। यदि किसी स्थान पर बाहरी व्यक्ति/स्थानीय ग्रामवासियों द्वारा कोई आग लगायी जाती है तो उसके सम्बन्ध मंे जिम्मेदार व्यक्ति के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करते हुए सूचना मास्टर कंट्रोल रूम को उपलब्ध करा दी जाय।

