देहरादून। नगर मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान और एसपी सिटी सरिता डोभाल के संयुक्त नेतृत्व में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग की टीम ने एसजी फाउंडेशन और डिटॉक्स बायलॉज कॉम्प्लेक्स नशा मुक्ति केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. इसके साथ ही विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
निरीक्षण के दौरान जांच टीम द्वारा केंद्र का पंजीकरण और नियम के अनुसार संचालन होने, संचालक का पूर्ण विवरण, सत्यापन, नशामुक्ति केंद्र कांउसिलिंग और चिकित्सकीय जांच के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति, केंद्र में देखभाल के लिए कार्यरत स्टाफ की डिटेल, पुलिस सत्यापन, केंद्रों की क्षमता के अनुसार रखे गए लोगों की जानकारी, केंद्रों में रखे गए लोगों के साथ मारपीट और उत्पीड़न आदि बिन्दुओं पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की गई
निरीक्षण के दौरान टीम द्वारा पाया गया कि केंद्र में पुरुष और महिलाएं साथ में रखी गई हैं. इस पर संबंधित संचालक को निर्देशित किया गया कि महिलाओं को अलग भवन में रखा जाए या उन्हें घर भेजने की कार्रवाई करें. नशा मुक्ति केंद्र डिटॉक्स बायलॉज कॉम्प्लेक्स के निरीक्षण के दौरान केंद्र पर जहां व्यक्तियों को रखा गया था, वहां पर पूर्ण वेंटिलेशन न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए नगर मजिस्ट्रेट ने संबंधित केंद्र संचालक को केंद्र बंद करने के निर्देश दिए. साथ ही केंद्र में भर्ती लोगों के परिजनों से संपर्क करते हुए सभी को घर भेजने की कार्रवाई कर बायलॉज के अनुसार संचालित करने के निर्देश दिए.
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि नशा मुक्ति केंद्र बायलॉज के अनुसार संचालित नहीं हो रहे हैं. केंद्र पर इलाज के लिए आने वाले डॉक्टरों का एमसीआई का सर्टीफिकेट नहीं दिखाया गया. केंद्र में भर्ती व्यक्तियों के मेडिकल रिकॉर्ड की डिटेल प्रस्तुत न करने और मूलभूत सुविधाएं नहीं पाई गईं. इस पर केंद्र संचालकों को सभी डिटेल प्रस्तुत करने के साथ ही नियम के अनुसार केंद्र का संचालन करने के निर्देश दिए गए. साथ ही नियम अनुसार संचालन न करने की दशा में विधिक कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई.
जिलाधिकारी डाॅ. आर राजेश कुमार ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्रों पर नियंत्रण के लिए कमेटी का गठन और सुधार के लिए दीर्घकालीन योजनाओं पर काम किया जा रहा है. केंद्रों के संचालकों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. जिससे केंद्र पर अव्यवस्थाएं होने पर संबंधित संचालक की जिम्मेदारी तय की जाएगी