नैनीताल। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने कलयुगी पुत्र द्वारा अपनी मां की नृशंस हत्या करने को दुर्लभतम श्रेणी का अपराध मानते हुए आरोपी पुत्र को फांसी की सजा व दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है । जबकि बीच बचाव कर रहे लोगों पर प्राणघातक हमला करने के जुर्म में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है । कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जिस माँ को पृथ्वी में ईश्वर से भी ऊंचा दर्जा प्राप्त है उस मां की गर्दन पर दराती से वार करने वाले के साथ उदारता नहीं दिखाई जा सकती ऐसा करना सामाजिक मर्यादाओं के विपरीत होगा । इस अपराध ने न केवल न्यायिक विवेक को बल्कि सामाजिक विवेक को भी झकझोरा है ।कोर्ट ने इस आदेश की प्रति सजा को कन्फर्म करने हेतु हाईकोर्ट भेजने साथ ही आरोपी को उच्च न्यायालय में अपील करने हेतु 30 दिन का समय दिया है । कोर्ट ने मृतका के वृद्ध पति के भरण पोषण हेतु सरकार से निर्धारित मानकों के अनुसार सहायता दिलाने की संस्तुति भी की है ।
अभियोजन पक्ष के अनुसार डिगर सिंह कोरंगा पुत्र सोबन सिंह कोरगा ग्राम उदयपुर रैक्वाल गौलापार थाना चोरगलिया, जिला नैनीताल को अपनी माता जोमती देवी की घर पर दराती से हत्या कर उसका धड़ गर्दन से अलग कर दिया था और बीच बचाव करने के दौरान कुल्हाड़ी से जनता पर जानलेवा हमला किया था। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने अभियोजन तथ्यों को साबित करने के लिए कुल 12 गवाह पेश किये जिनमें अभियुक्त का पिता, बहू एवं पडोसी हैं । जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट कर्ता सोबन सिंह पुत्र कुंवर सिंह ग्राम उदयपुर रैकवाल चोरगलिया ने 7 अक्टूबर 2019 को थाना चोरगलिया में अपने लड़के डिगर सिंह के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करायी कि उसकी पत्नी जोमती देवी घर पर अकेले थी और उसका पुत्र डिगर सिंह भी घर पर था । पडोस वाले पास में ही काम कर रहे थे, तभी अभियुक्त का अपनी माता जोमती देवी से विवाद होने पर अभियुक्त द्वारा दराती से अपनी माता के ऊपर प्रहार कर उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। जिस कारण मौके पर जोमती की मृत्यु हो गयी। ग्राम प्रधान इन्द्रजीत सिंह ने घटना की सूचना पुलिस को दी और पुलिस के आने पर मौके पर कार्यवाही की गयी और अभियुक्त डिगर सिंह को पकड़ने का प्रयास किया तो उसने मौके पर उपस्थित परिवार के लोग व इन्द्रजीत सिंह के उपर भी कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला चोट पहुंचायी। आरोपी को तीन दिन पूर्व हत्या का दोषी ठहराया गया था । जिसे आज मृत्युदंड की सजा सुनाई गई ।