अल्मोड़ा। 10 दिसम्बर, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण नैनीताल के द्वारा दिये गये निर्देशो के क्रम में आज मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा द्वारा जिला न्यायालय सभागार में मानवाधिकार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि मानवाधिकार का अर्थ विश्व में रहने वाले प्रत्येक मानव को प्राप्त कुछ विशेष अधिकार जो विश्व को एक सूत्र में बांधते हों, हर व्यक्ति की रक्षा करते हों, उसे दुनिया में स्वतंत्रता के साथ जीवन यापन करने की छूट देते हों। किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव लिग जाति रंग के आधार पर न हो। मानवाधिकार दिवस लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। मानव अधिकार का मतलब मनुष्यों को वो सभी अधिकार देना है, जो व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं प्रतिष्ठा से जुड़े हुए हैं। यह सभी अधिकार भारतीय संविधान के भाग-तीन में मूल अधिकारों के नाम से मौजूद हैं और इन अधिकारों का उल्लंघन होने पर कोई भी व्यक्ति सीधे उच्चतम न्यायालय में रिट दायर कर सकता है।
कार्यक्रम में अधिवक्ता महेश चंद परिहार व भानु तिलारा,पी0सी0 तिवारी, जमन सिंह ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम में परिवार न्यायधीश, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा,सिविल जज (सीनियर डिविजन)सिविल जज (जूनियर डिविजन) व विद्वान अधिवक्तागण मौजूद रहे।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अल्मोड़ा रवि शंकर मिश्रा द्वारा जिला कारागार अल्मोड़ा में शिविर का आयोजन कर कैदियों को मानवाधिकार के संबंध में जानकारी दी गई।