देहरादून।भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी देहरादून की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय इंडियन मिलट्री अकैडमी के सामने बिग वे रेस्टोरेंट में विचार गोष्ठी/समारोह आयोजित किया गया था। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉक्टर सोना कौशल गुप्ता ने कहा कि महिलाएं अक्सर सब कुछ करने का प्रयास करती हैं जबकि उन्हें क्या बदल सकते हैं क्या नहीं बदल सकते हैं इस पर विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आपके नियंत्रण में केवल आपकी सोच है, यदि आपने अपनी सोच को नियंत्रण में नहीं किया तो फिर आता है तनाव। इसके लिए उन्होंने उपाय भी बताया कि आपको केवल स्वयं को जागरूक करने की आवश्यकता है। स्वयं को खुश रखने की आवश्यकता है। आपके अंदर है चुनने की शक्ति उसको आपको सही तरीके से पहचानना होगा और सही चुनाव करना होगा, तभी जाकर आप सही दिशा में आगे बढ़ सकती हैं। बच्चों की परवरिश के लिए उन्होंने कहा कि बच्चे आप से अत्यधिक प्रभावित होते हैं इसलिए उन पर पूर्ण रूप से अपने प्यार दुलार को लुटा दे। उन्होंने बताया कि आजकल जो उनके पास अभिभावक आते हैं वह बहुत ही कंफ्यूज हैं। इसलिए स्वयं को जागरूक करें, जब सभी स्वयं को जागरूक कर लेंगे तो निश्चित रूप से उसका असर आपके परिवार पर दिखेगा। आपके गांव में दिखेगा। आपके शहर में दिखेगा। आपके ब्लॉक में दिखेगा। आपके जिले में दिखेगा। आपके राज्य में दिखेगा और इस प्रकार से आप संपूर्ण भारतवर्ष को जागरूक कर सकते हैं।
जिला रेडक्रॉस शाखा देहरादून के चेयरमैन डॉक्टर एम एस अंसारी ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहां की मानवता के कार्य को करते हुए लोक कल्याण की भावना से महिलाएं रेडक्रॉस के माध्यम से कार्य कर रही हैं। उनकी सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने विभिन्न महिलाओं के उदाहरण देते हुए उनके मधुर आचरण और व्यवहार के साथ ही उनकी योग्यता की प्रशंसा की है।
रेडक्रॉस के राज्य कोषाध्यक्ष एवं उत्तराखंड आंदोलनकारी मोहन खत्री ने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन में भी पुरुषों से आगे महिलाएं रही है उनका जितना सम्मान किया जाए वह कम है।
जिला रेडक्रॉस शाखा देहरादून के वाइस चेयरमैन एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक सुभाष सिंह चौहान ने कहा कि यदि हम एक बालिका को सही दिशा में कार्य करने के लिए शिक्षित करते हैं तो वह महिला दो परिवारों को अच्छे संस्कार देती हैं और उससे संपूर्ण समाज सही दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित होता है।
देहरादून रेड क्रॉस की कोषाध्यक्ष रीता गोयल ने कहा कि आज जिस मुकाम पर महिलाएं पहुंची हैं, उस पर पहुंचने में पुरुषों का भी बराबर का साथ है और दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने महिलाओं की प्रगति के लिए पुरुषों को श्रेय दिया है।
रेडक्रॉस की प्रबंधन समिति की सदस्य पद्मनी मल्होत्रा ने अनेक संस्मरण सुना कर महिलाओं की सहभागिता उनके महत्व उनके कार्य एवं उनके दायित्व के साथ साथ ही घरेलू समस्याओं से निदान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की चर्चा की है। उन्होंने बताया है कि किस प्रकार से महिलाओं के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए स्वर्णिम अवसर आगे आने वाली पीढ़ी के लिए उपलब्ध कराए हैं।
रेडक्रॉस सदस्य जितेंद्र सिंह बुटोइया ने वक्ताओं के द्वारा नई पीढ़ी की चिंताओं के बारे में बताते हुए कहा गया कि यदि हम किसी समाज की प्रगति को आंकना चाहते हैं, तो उस समाज की महिलाओं की प्रगति को आंका जाना चाहिए । साथ ही हमें समाज में किसी दूसरे व्यक्ति से चाहे वह बच्चा हो। चाहे जवान हो। चाहे वृद्ध हो। महिला हो। पुरुष हो कैसा व्यवहार करना चाहिए यह हम बचपन से ही अपने बच्चों को सिखा दें, तो फिर समाज में एक सद्भाव पूर्ण व्यवहार के साथ ही हमें एक अच्छे आचरण व व्यवहार करने वाले नागरिक प्राप्त हो सकते हैं। यही सम्यक दृष्टि है। उन्होंने बताया कि आज विभिन्न हिंदी माध्यम के विद्यालयों में बालकों की संख्या कम है। जबकि बालिकाओं की संख्या ज्यादा है ।
वक्ताओं के द्वारा इस ओर भी इंगित किया गया कि बहुत से अभिभावक भाई को उच्च शिक्षा दिलवाते हैं। जबकि उसकी बहन को केवल विद्यालयी शिक्षा तक ही सीमित रखते हैं, जो की चिंता का विषय है।
समारोह का उद्देश्यपरक संचालन करते हुए जिला रेडक्रॉस शाखा देहरादून की सचिव एवं राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका कल्पना बिष्ट ने सभी का स्वागत किया मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख मुख्य अतिथि एवं पदाधिकारियों के कर कमलों से दीप प्रज्वलित करवाया एवं सभी का आभार ज्ञापित किया।
“कार्यक्रम में अपनी गरिमामयी उपस्थिति से सुशोभित करती हुई उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी महिला ममता खत्री को मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया ।”
वक्ताओं द्वारा विभिन्न उच्च स्तरीय स्थान प्राप्त करने वाली महिलाओं के बारे में भी बताया गया और आगे चलकर समाज में प्रदेश और देश में लैंगिक असमानता को कम करने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया गया तभी जाकर हम बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को सच साबित कर सकते हैं इस अवसर पर पुष्पा भल्ला, ममता खन्ना, अनामिका सोनी गुप्ता, ममता खत्री, कल्पना, पूनम भटनागर, गीता लिंगवाल, अपर्णा यादव, मंजू पांडे, स्तुति खत्री, जितेंद्र सिंह, अनिल आर्य, इशरत हबीब, जसबीर रावत सहित दर्जनों रेड क्रॉस सदस्य महिलाएं उपस्थित रही।